
आज यानी 21 मार्च के दिन वर्ल्ड डाउन सिंड्रोम डे मनाया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डाउन सिंड्रोम एक जन्मजात स्थिति है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक डाउन सिंड्रोम की वजह से व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक विकास में देरी हो सकती है। आइए जानते हैं कि आप कैसे पता लगा सकते हैं कि आपका बच्चा डाउन सिंड्रोम का शिकार तो नहीं है?
डाउन सिंड्रोम के लक्षण
मसल टोन में कमी या फिर छोटी गर्दन डाउन सिंड्रोम के कुछ कॉमन फिजिकल साइन्स में से एक हो सकते हैं। अगर आपके बच्चे का चेहरा चपटा है, नाक छोटी है, सिर-नाक-मुंह छोटे हैं, तो हो सकता है कि उसे डाउन सिंड्रोम हो। ऊपर की तरफ झुकी हुई आंखें भी डाउन सिंड्रोम की तरफ इशारा कर सकती हैं।
गौर करने वाली बात
क्या आपके बच्चे की आंखों में सफेद धब्बे दिखाई देते हैं? अगर हां, तो ये लक्षण डाउन सिंड्रोम का संकेत साबित हो सकता है। चौड़े और छोटे हाथ-उंगलियां भी खतरे की तरफ इशारा कर सकती हैं। हथेलियों पर गहरी सिलवट इस सिंड्रोम का लक्षण साबित हो सकती हैं। अगर आपको अपने बच्चे के अंदर एक साथ इस तरह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो आपको बिल्कुल भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए।
जरूरी है सावधानी बरतना
धीमी गति से सीखना डाउन सिंड्रोम के मुख्य लक्षणों में से एक हो सकता है। बच्चे का इंपल्सिव बर्ताव भी डाउन सिंड्रोम की तरफ इशारा कर सकता है। अगर आपके बच्चे का जजमेंट खराब है या फिर उसका अटेंशन स्पैन बहुत कम है, तो हो सकता है कि उसे डाउन सिंड्रोम हो। भाषा और भाषण के विकास में देरी भी खतरे का संकेत साबित हो सकता है। बच्चे में दिखाई देने वाले इन लक्षणों पर समय रहते ध्यान देना बेहद जरूरी है।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)