ब्रिटल बोन डिजीज एक जेनेटिक बीमारी है। अगर आपके परिवार में किसी को ये समस्या रही है तो आपको हो सकती है। ये जीन में डिफेक्ट होने के कारण होती है जब शरीर में कोलेजन कम बनने लगता है। कोलेजन शरीर में एक प्रोटीन होता है जो हड्डियों को बनाने और मजबूती देने का काम करता है। अगर शरीर में कोलेजन 1 की कमी होने लगे तो हड्डियां बहुत कमजोर हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में हड्डियां बिना किसी गंभीर कारण के भी टूटने लगती हैं। ज्यादातर बच्चों को ये जीन माता-पिता से मिलता है, लेकिन कुछ मामलों में माता-पिता में से किसी एक में भी ये जीन नहीं होता और बच्चे में अपने आप पैदा हो जाता है।
ब्रिटल बोन डिजीज के लक्षण
ब्रिटल बोन डिजीज जिसे हिंदी में भंगुर हड्डी रोग कहते हैं। इसके मुख्य लक्षण हैं हड्डियों का कमजोर होना और टूटना। इस बीमारी में हड्डियां बहुत आसानी से टूट जाती हैं। बच्चों में डायपर बदलने के दौरान या कई बार डकार दिलाने पर भी हड्डी टूट सकती है । इस स्थिति में कई बार लोगों की सिर्फ कुछ हड्डियां ही टूटती हैं और कई बार पूरी लाइफ में सैकड़ों हड्डियां भी टूट सकती हैं। कभी-कभी, बच्चे फ्रैक्चर के साथ ही पैदा होते हैं या गर्भ में बढ़ते समय उन्हें फ्रैक्चर हो जाता है। हालांकि कई बार काफी समय तक कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं।
- टूटी हुई हड्डियां और फ्रैक्चर
- बहुत जल्दी चोट लगना
- आंखों के सफेद हिस्से में नीला रंग
- पैरों का झुकना
- सांस की परेशानी
- दांत टूटना और रंग बदलना
- घुमावदार रीढ़ की हड्डी
- बहुत थकान महसूस होना
- कमजोर मांसपेशियां और सेल्स
ब्रिटल बोन डिजीज का इलाज
ब्रिटल बोन डिजीज का कोई इलाज नहीं है, लेकिन कुछ बातों का ख्याल रखते हुए गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है। इससे आप हड्डियों के टूटने को रोक सकते हैं।
- टूटी हड्डियों के लिए स्प्लिंट और कास्ट
- कमजोर पैरों और टखनों, घुटनों और कलाइयों के लिए ब्रेसिज़
- शरीर को मजबूत बनाने और मूवमेंट बढ़ाने के लिए थैरिपी
- हड्डियों को मजबूत बनाने की दवा
- दांतों के लिए क्राउनिंग और कैपिंग
- हाछ, पैरों में रोड डालना
- वजन को कंट्रोल रखें
- सेफ एक्सरसाइज करें
- विटामिन डी और कैल्शियम से भरपूर आहार लें
- शराब से बचें या बहुत कम पिएं
- कैफीन का सेवन कम करें
- धूम्रपान करने से बचें