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ब्लैक फंगस के मरीज क्या करें और क्या नहीं, ICMR ने जारी की गाइडलाइन

ब्लैक फंगस से पीड़ित लोगों के लिए ICMR ने कुछ गाइडलाइन्स जारी की हैं। इसमें बताया गया है कि कहां कहां सावधानी बरतने की जरूरत है।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: May 21, 2021 13:53 IST
ब्लैक फंगस के मरीज क्या करें और क्या नहीं, ICMR ने जारी की गाइडलाइन- India TV Hindi
Image Source : PTI ब्लैक फंगस के मरीज क्या करें और क्या नहीं, ICMR ने जारी की गाइडलाइन

कोरोना की मार अब आंखों पर भी पड़ रही है। कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में आंखों से जुड़ी कई परेशानियां देखने को मिल रही हैं और ये एक बड़ा चैलेंज है। छोटी-मोटी दिक्कत तो ठीक है, लेकिन अब तो ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं, जहां लोगों को अपनी आंखें गंवानी पड़ रही हैं। कई राज्यों में ब्लैक फंगस ने कई मरीजों की जान ले ली है। ब्लैक फंगस रोग के संक्रमण को देखते हुए ICMR ने गाइडलाइन जारी की है। जिसमें बताया कि कैसे इसे कंट्रोल करे और संक्रमित हो जाए तो क्या करें और क्या नहीं।

गुजरात , महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश भी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। इस इफेक्शन को 'म्यूकोरमाइकोसिस'  नामक नाम से जाना जाता है जिसे सामान्य भाषा में काला फंगल कहते हैं। इस फंगल का खतरा लो इम्यूनिटी वालों को सबसे अधिक है।  ब्लैक फंगस नाक से शुरू होकर आपकी आंखों और मस्तिष्क तक पहुंचाता है। जो बाद में जानलेवा तक साबित हो सकता है। 

ब्लैक फंगस के लक्षण

  • सिर दर्द
  • चेहरे पर दर्द
  • नाक बंद
  • आंखों की रोशनी कम होना या फिर दर्द होना
  • मानसिक स्थिति में बदलाव या फिर भ्रम पैदा होना
  • गाल और आंखों में सूजन
  • दांत दर्द
  • दांतों का ढीला होना
  • नाक में काली पपड़ी बनना

क्या करें -

खून में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करें।
स्टेराइड के इस्तेमाल पर नजर रखे, सही समय पर डॉक्टर द्वारा दी गई सही खुराक लें।
ऑक्सीजन लेने के दौरान स्टरलाइल पानी का ही इस्तेमाल करें।
यदि धूल भरी जगह पर जा रहे हैं तो मास्क का अनिवार्य रूप से प्रयोग करें। 
निजी तौर पर साफ सफाई बनाए रखे, बागवानी या खेत में काम करने के बाद अच्छी तरह स्वस्छ हो जाएं।

क्या न करें-
चेतावनी के संकेत और लक्षणों की अनदेखी न करें। 
बंद नाक वाले सभी मामलों को साइनेसाइटिस का मामला न समझे। विशेष रूप से कोरोना ग्रस्त मरीज इसे गंभीरता से लें।
फंगल एंटियोलाजी का पता करने के लिए उपयुक्त जांच का सहारा लें। 
म्यूकोरमाइकोसिस का उपचार शुरू करने के लिए देर न करें। 

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