Friday, November 22, 2024
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डॉक्टर से जानें पीठ में हो रहा लगातार दर्द है किन बीमारियों का संकेत, बचाव के लिए क्या करें?

अगर आपको लंबे समय से लगातार पीठ दर्द हाे रहा है, ताे इस संकेत काे बिल्कुल भी नजर अंदाज न करें। डॉ. पुनीत गिरधर हमें बता रहे हैं हमे कब पीठ दर्द की समस्या में सचेत हो जाना चाहिए?

Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published on: June 01, 2024 13:13 IST
पीठ में लगातार दर्द है इन बीमारियों का संकेत- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL पीठ में लगातार दर्द है इन बीमारियों का संकेत

आजकल की खराब लाइफस्टाइल में कमर दर्द हाेना बेहद सामान्य हाे गया है। दरअसल, काम के बढ़ते प्रेशर की वजह से लोगों को ऑफिस में कई घंटों तक बैठना पड़ता है इस वजह से कमर में दर्द होने लगता है। कई बार तो कमर दर्द इतना बढ़ जाता है कि लोगों ढंग से न बैठ पाते हैं और न ही सो पाते हैं। अगर आपको भी लगातार कमर दर्द हो रहा है तो यह समान्य नहीं है। नई दिल्ली, बीएलके मैक्स हॉस्पिटल के प्रिंसिपल डायरेक्टर एवं हेड और ऑर्थो स्पाइन सर्जन, डॉ.  पुनीत गिरधर हमें बता रहे हैं कि आखिर पीठ में लगातार हो रहा दर्द किन बीमारियों का संकेत है और इससे बचाव के लिए क्या करना चाहिए?

लगातार पीठ दर्द होने पर हो सकती हैं ये बीमारियां:

  • मांसपेशियों में खिंचाव आना: भारी वजन उठाने,अचनाक से मुड़ने या गिरने से पीठ की मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी के लिगामेंट में खिंचाव आ सकता है। अगर आपकी शारीरिक स्थिति ठीक नहीं है, तो आपकी पीठ पर लगातार दबाव पड़ने से मांसपेशियों में दर्दनाक ऐंठन हो सकती है।

  • हर्नियेटेड: आपकी रीढ़ की छोटी हड्डी (कशेरुकाओं) से बनी होती है जो रीढ़ की हड्डी का निर्माण करने के लिए एक दूसरे के ऊपर खड़ी होती हैं। सभी कशेरुका के बीच एक जेल जैसा कुशन होता है जिसे डिस्क कहते हैं। ये हड्डियों को रगड़ने से बचाता है। लेकिन जब यह सॉफ्ट कुशन में उभार दिखता है तब यह नर्व पर दबाव डालती है जिससे बैक में दर्द की समस्या बढ़ जाती है।   

  • गठिया: ऑस्टियो आर्थराइटिस पीठ के निचले हिस्से को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। कुछ मामलों में, रीढ़ की हड्डी में गठिया के कारण रीढ़ की हड्डी के आस-पास की जगह सिकुड़ सकती है, जिसे स्पाइनल स्टेनोसिस कहते हैं।

  • ऑस्टियोपोरोसिस: अगर हड्डियां नाजुक और कमजोर हो जाती हैं, तो इससे रीढ़ की कशेरुकाओं सहित हड्डियों में कम्प्रेशन फ्रैक्चर की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।   

  • स्कोलियोसिस: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें रीढ़ की हड्डी एक तरफ मुड़ जाती है, जिससे पीठ दर्द हो सकता है।

बचाव के लिए आज़माएं यह उपाय:

  • नियमित रूप से व्यायाम करें: कम प्रभाव वाली एरोबिक एक्टिविटीज़ पीठ में ताकत और सहनशक्ति बढ़ाती हैं और मांसपेशियों को बेहतर ढंग से काम करने में मदद करती हैं। इसलिए ऐसे व्यायाम करें जो आपकी मांसपेशियों को मजबूत बनाएं। 

  • मांसपेशियों की ताकत और लचीलापन बढ़ाएं: पेट और पीठ की मांसपेशियों के व्यायाम (कोर को मजबूत करने वाले व्यायाम) मांसपेशियों को स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं। इस तरह के एक्सरसाइज़ आपकी पीठ के लिए एक प्राकृतिक कोर्सेट की तरह काम करता है।

  • बढ़ता वजन करें कम: वजन ज़्यादा होने से पीठ की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है। इसलिए अगर आपका वजन अधिक है, तो उसे कम करने से पीठ दर्द से बचा जा सकता है।

  • भारी सामान उठाने से बचें: अगर मुमकिन हो तो भारी सामान उठाने से बचें, लेकिन यदि आपको भारी सामान उठाना ही है, तो अपनी पीठ सीधी रखें और केवल घुटनों से झुकें। भार को अपने शरीर के करीब रखें। एक ही समय में उठाने और मोड़ने से बचें।

ऐसी स्थिति में लें डॉक्टर की मदद:

  • आपको पीठ में बहुत ज़्यादा दर्द हो जो आराम करने पर भी ठीक न हो।

  • दर्द एक या दोनों पैरों तक फैल जाता है, खासतौर पर अगर दर्द घुटने के नीचे तक फैल जाता है।

  • दर्द के कारण एक या दोनों पैरों में कमज़ोरी, सुन्नपन या झुनझुनी होती है।

  • दर्द के साथ-साथ बिना किसी कारण के वज़न कम होता है।

 

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