बरसाती बुखार का कारण: इस समय भारत के कई राज्य बारिश और बाढ़ से गुजर रहे हैं। हालांकि, कहीं-कहीं जलभराव कम हो रहा है लेकिन, इसके चलते बीमारियों का खतरा बना हुआ है। ऐसी स्थिति में वायरल फीवर या कहें कि बरसाती बुखार का खतरा बढ़ गया है। लेकिन, सवाल ये है कि बरसाती बुखार (Rain fever) है क्या? बारिश, बुखार से कैसे जुड़ा हुआ है और क्या कोई तरीका है जिससे आप इस समस्या से बच सकते हैं। आइए, जानते हैं इन तमाम चीजों के बारे में विस्तार से।
बारिश के बाद बुखार क्यों आता है-What causes fever in rainy season?
बारिश के बाद बुखार आने के पीछे कई कारण हैं जिनमें से एक कारण है लेप्टोस्पाइरोसिस (Leptospirosis)। ये बैक्टीरियल इंफेक्शन इंसानों और जानवरों दोनों को प्रभावित करता है और इससे पीड़ित व्यक्ति को तेज बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, उल्टी, पीलिया, पेट में दर्द और चकत्ते हो सकते हैं। ये असल में उन इलाकों में होता है जहां लंबे समय तक जलभराव की स्थिति बनी रहती है और सारा पानी दूषित हो जाता है। इस संक्रमित पानी की वजह से लोगों को संक्रमण हो सकता है जिससे ये बुखार आता है।
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बरसाती बुखार के लक्षण-Rain fever symptoms in hindi
बरसाती बुखार के कई लक्षण हैं जिसमें से एक है
-बुखार जो नियमित अंतराल पर रह-रहकर होता हो
-तेज सिर दर्द
-शरीर में तेज दर्द और अकड़न
-ठंड लगने के साथ बुखार आना
-बुखार जो दवाइयों से तुरंत ठीक न हो।
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बारिश के बाद बुखार आने के अन्य कारण-Other Causes
बारिश के बाद बुखार आने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं जिनमें से एक है मच्छर जनित रोग जैसे मलेरिया और डेंगू बुखार। इसके अलावा इस मौसम में चिकनगुनिया और टाइफाइड के कारण भी आपको बुखार हो सकता है। तो, किसी भी बुखार को नजरअंदाज न करें और डॉक्टर को दिखाएं। साथ ही कोशिश करें कि ताजा गर्म खाना खाएं। पानी को उबालकर और ठंडा करके पिएं और मच्छरदानी लगाकर सोएं। इसके अलावा गमले और कूलर आदि में पानी जमा न हो दें जिससे कि मच्छर आपको परेशान करे।