Mental Health Day:मानसिक बीमारियों की शुरुआत ज्यादा सोचने से शुरू होती है। लेकिन, समय के साथ ये कब गंभीर रूप ले लेती है, ज्यादातर लोगों को समझ नहीं आता। इसलिए, मानसिक बीमारियों को समझने के लिए आपको इनके प्रकारों के बारे में जानना होगा। इस बारे में हमने Dr. Samant Darshi, Psychiatrist at Yatharth Superspeciality Hospital and medical director at Psymate Noida से बात की। उन्होंने हमें विस्तार से बताया कि व्यक्ति डिप्रेशन ही नहीं, अन्य किन मानसिक बीमारियों का शिकार हो सकता है।
1. डिप्रेशन
डिप्रेशन या अवसाद एक मनोदशा संबंधी विकार है जो उदासी की लगातार और व्यापक भावनाओं, गतिविधियों में रुचि या आनंद की कमी, कम ऊर्जा जैसे लक्षणों के साथ सामने आती है। इसमें असहायता, निराशा, व्यर्थता का अपराधबोध, पश्चाताप, मृत्यु की कामना या सुसाइड करने जैसे विचार भी शामिल हैं। इससे भूख और नींद के पैटर्न में बदलाव, साथ ही ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई जैसे शारीरिक लक्षण हो सकते हैं।
2. एंग्जायटी
डर एक मानवीय भावना है, लेकिन जब ये बढ़ जाती है तब मानसिक बीमारी बन जाती है। इसमें व्यक्ति, भविष्य के खतरे की आशंका में अनुभव करता है। एंग्जायटी डिसऑर्डर में आमतौर पर किसी मानसिक परेशानी या चिंता शामिल होती है। इसमें व्यक्ति लगातार घबराता है। ये स्थितियां तेज दिल की धड़कन और पसीना आने जैसे शारीरिक लक्षण पैदा कर सकती हैं।
3. बाइपोलर डिसऑर्डर
बाइपोलर डिसऑर्डर में तेजी से मनोदशा बदलती है। इसमें व्यक्ति बार-बार बदलता रहता है। कभी को अवसाद में चला जाता है तो कभी वो खुश रहता है। इसके अलावा समय के साथ चीजें और चिंताजनक हो सकती हैं।
4. सिजोफ्रेनिया
सिजोफ्रेनिया एक गंभीर और दीर्घकालिक मानसिक विकार है जो सोच, भावनाओं और व्यवहार को प्रभावित करता है। इससे मतिभ्रम, भ्रम, अव्यवस्थित सोच और बिगड़ा हुए सामाजिक रिश्ते हो सकते हैं। इसमें जो होता नहीं है व्यक्ति उस चीज को देखता है और भ्रम में रहता है।
5. पर्सनालिटी डिसऑर्डर
पर्सनालिटी डिसऑर्डर व्यवहार, सोच और कामकाज को प्रभावित करता है। उदाहरणों में बॉर्डरलाइन व्यक्तित्व विकार अस्थिर रिश्ते और खुद की छवि को लेकर परेशान रहता है। ये खुद से ही परेशान रहता है
6. ईटिंग डिसऑर्डर
एनोरेक्सिया नर्वोसा, बुलिमिया नर्वोसा और अत्यधिक खाने से जुड़े डिसऑर्डर हैं। इसमें व्यक्ति दुख में आकर बहुत ज्यादा खाना खाता है या स्ट्रेस ईटिंग करता है। इनके गंभीर शारीरिक और मनोवैज्ञानिक परिणाम हो सकते हैं।
7. साइकोसिस
साइकोसिस एक लक्षण है, जो अक्सर सिजोफ्रेनिया जैसी स्थितियों में देखा जाता है। इसमें वास्तविकता के साथ संपर्क नहीं होता,जिससे मतिभ्रम और भ्रम पैदा होती हैं। तो, इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें, खुश रहें और मानसिक बीमारियों से बचें।