सर्दियों में सीजनल फ्लू, सर्दी जुकाम और दूसरी कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसकी बड़ी वजह पोषक तत्वों की कमी है। सर्दियों में शरीर में विटामिन और मिनरल कम हो जाते हैं, जिसका असर पूरी सेहत पर पड़ता है। खासतौर से सर्दियों में विटामिन डी कम होने लगता है। कई दिनों तक धूप नहीं निकलती जिसके कारण विटामिन डी लो होने का खतरा रहता है। वहीं खाने-पीने में लापरवाही की वजह से विटामि डी की कमी होने लगती है। विटामिन डी की कमी होने पर इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है और शरीर पर बीमारियां अटैक करने लगती हैं।
विटामिन डी की कमी के लक्षण
- विटामिन D की कमी होने पर मांसपेशियों में दर्द बढ़ जाता है।
- हड्डियां कमजोर और हड्डियों में दर्द की समस्या बढ़ जाती है।
- बच्चों में विटामिन डी कम होने पर रिकेट्स का खतरा बढ़ जाता है
- बच्चों में विटामिन डी कम होने पर बाउलेग या नॉक-नीज की समस्या होती है
- हड्डियों के कमजोर होने से फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है
- विटामिन डी की कमी से इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है
- नींद नहीं आना, बालों का झड़ना और भूख में कमी होना
- विटामिन डी की कमी से चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन हो सकता है
विटामिन डी की कमी कैसे पूरी करें
- विटामिन डी की कमी के लिए अंडा खाएं
- सैल्मन, ट्राउट, टूना और मैकेरल फिश खाएं
- डाइट में रोजाना दूध को शामिल करें
- बादाम का दूध पीने से विटामिन डी मिलता है
- सोया मिल्क में भी विटामिन डी पाया जाता है
- संतरे के जूस से भी विटामिन की पूर्ति होती है
- साबुत अनाज में भी विटामिन डी पाया जाता है
सूरज की रोशनी से विटामिन डी कैसे प्राप्त करें
विटामिन डी का सबसे अच्छा सोर्स है सूरज की रौशनी। आप सुबह 11 बजे तक की धूप जरूर लें। रोजाना 15-20 मिनट धूप में बैठने से विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता है। जब त्वचा सूर्य की पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आती है, तो शरीर नेचुरली विटामिन डी बनाने लगता है।
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