Folic Acid: स्वस्थ जीवन जीने के लिए सभी प्रकार के विटामिन्स और सही पोषण जरूरी हैं। इन्हीं पोषक तत्वों में से एक है विटामिन बी9, जिसे अक्सर फोलिक एसिड या फोलेट के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल शरीर में खून व उसके उपयुक्त संचालन के लिए फोलेट या कहें फोलिक एसिड की बहुत आवश्यकता होती है, और इसकी कमी के कारण रक्त संबंधित समस्याएं व अन्य कई परेशानियां हो सकतीं हैं, जो गंभीर स्थिति में किसी बीमारी या असहज स्थिति में तब्दील हो सकती है। इसलिए निश्चित रूप से जरूरी है कि शरीर में इसकी उचित मात्रा सुनिश्चित की जाए।
फोलेट की सही मात्रा की यदि बात करें तो एक स्वस्थ व्यस्क को प्रतिदिन 400 माइक्रोग्राम फोलेट की मात्रा का सेवन सुनिश्चित करने की सलाह दी जाती है, वही गर्भवती व स्तनपान करवाने वाली माहिलाओं को प्रतिदिन 600 से 700 माइक्रोग्राम की मात्रा सुनिश्चित करने को कहा जाता है। पुष्पावती सिंघानिया रिसर्च इंस्टिट्यूट के डॉक्टर रवि बंसल ने बताया विटामिन बी9 की कमी बहुत से लक्षणों में नजर आ सकती है जिसे पहचान कर उसका निवारण किया जा सकता है, लेकिन सबसे पहले इस बात को भी समझें कि शरीर में किसी भी तत्व की कमी की सटीक जानकारी केवल जांच व डॉक्टर के परामर्श से ही ली जा सकती है। अक्सर कुछ लोग इस बात को ध्यान में नहीं रखते और इस तरह की लापरवाही के कारण बिना सटीक जानकारी के सप्लीमेंट या खाद्यों का सेवन करने लगते हैं जिनका परिणाम जोखिम भरा हो सकता है। कुछ लक्षण ऐसे हैं जो विटामिन बी9 की कमी की ओर इशारा कर सकते हैं। विटामिन बी9 की कमी के कारण मेगालोब्लास्टिक एनीमिया (ऐसी स्थिति जिसमें फोलेट की कमी के कारण रेड ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है या फिर साधारण से बड़े आकार के ब्लड सेल्स बनने लगते हैं)
लक्षण
- कमजोरी,
- बेवजह थकान,
- खून की कमी या एनीमिया,
- सांस लेने में तकलीफ,
- एकाग्रता में कमी
- त्वचा का पीला पड़ना
- मुंह में छाले,
- बाल झाड़ना
बहुत से ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिनमें विटामिन बी9 प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, और इनके सेवन से फोलेट की कमी को दूर किया जा सकता है।
- पीनट्स
- हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक, लेट्टस, ब्रसेल्स स्प्राउट, ब्रोकली आदि)
- बीन्स
- नट्स
- सनफ्लावर सीड्स
- ताज़े मौसमी फल
- अंडे
- सीफ़ूड
खाद्य पदार्थों के सेवन से विटामिन बी9 की कमी से बचा जा सकता है, लेकिन याद रखें गंभीर स्थिति में केवल सही जांच व उचित परामर्श के बाद बताई गई मात्रा में इनका सेवन करें। अक्सर फोलेट की कमी पर डॉक्टर इसके सप्लीमेंट्स भी लेने की सलाह देते हैं, उनका सेवन भी उचित परामर्श के बाद ही करें।
गर्भवती महिलायें व विटामिन बी9
इसी कड़ी में यदि गर्भवती महिलाओं की बात करें तो गर्भ में पल रहे शिशु के सही विकास में फोलेट की भी भूमिका होती है, ऐसे में फोलेट के सही सेवन के साथ बच्चे के सही शारीरिक और मानसिक विकास को सुनिश्चित करने में भी मदद मिल सकती है, और जन्म के समय कई तरह की जटिलताओं से भी बचा जा सकता है जो फोलेट की कमी के कारण हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है गर्भवती महिलाओं सम्पूर्ण पोषण का ध्यान रखा जाए और किसी भी लक्षण को नजरअंदाज किये बगैर डॉक्टर से परामर्श लिया जाए।
किनको है विटामिन बी9 की कमी का जोखिम?
शराब का सेवन
दरअसल शराब का अत्यधिक सेवन विटामिन बी9 के सही अवशोषण में बाधक होता है।
गर्भवती स्त्रियाँ
अब क्योंकि गर्भवती स्त्रियों को एक आम व्यस्क से अधिक फोलेट के सेवन की आवश्यकता होती है इसलिए ज़रूरी है कि इस सन्दर्भ में भी उनका अतिरिक्त ध्यान रखा जाए। इसके अलावा पाचन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे, ह्रदय ह्रदयरोगी व इंटेस्टाइनल सर्जरी करवा चुके व्यक्तियों को भी विटामिन भी9 की कमी का जोखिम होता है। जरूरी है ये लोग अपना उचित ध्यान रखें व डॉक्टर की सलाह पर उचित पोषण सुनिश्चित करें।
Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।