नसों की कमजोरी की जब शुरुआत होती है तो अक्सर लोग इसके बारे में जान नहीं पाते हैं और ये स्थिति हर दिन बढ़ती जाती है। मान लें दर्द की शुरुआत पैर से हुई पर ये जांघों से होती हुई आपके रीढ़ और पीठ तक पहुंच सकती है। इसके अलावा नसों की बीमारी कई बार गर्दन और शरीर के कई हिस्सों तक पहुंच सकती है। इसके अलावा इस वजह से शरीर के कई अंग भी प्रभावित हो सकते हैं और ये सब शरीर में किसी विटामिन की कमी की वजह से हो सकता है। तो, आइए जानते हैं इनका कारण और फिर जानेंगे नसों को मजबूत कैसे बनाएं।
कमजोर नसों को मजबूत बनाने वाले विटामिन-Which vitamin increase nerve strength in hindi
न्यूरोट्रोपिक बी विटामिन तंत्रिका तंत्र में कोएंजाइम के रूप में काम करता है और इन्हें अंदर से हेल्दी रखता है। इनमें विटामिन बी1 (थियामिन), बी6 (पाइरिडोक्सिन) और बी12 (कोबालामिन) आते हैं जो तंत्रिका तंत्र के रखरखाव में और इन्हें स्वस्थ रखने में मदद करता है। जैसे
1. विटामिन बी1 (thiamine)
विटामिन बी1 (थियामिन) वो विटामिन है जो कि कार्बोहाइड्रेट को एनर्जी में बदलता है और नर्व सेल्स को एनर्जी देता है। ये ब्रेन फंक्शन को बेहतर बनाता है और फिर शरीर की तमाम नसों के साथ इनकी कनेक्टिविटी को सही करता है। इसके अलावा ये विटामिन आपकी नसों को हमेशा हेल्दी रहने और मजबूती से काम करने में मदद करता है। तो, अगर आप नसों को मजबूती देना चाहते हैं तो आप विटामिन बी1(thiamine) की कमी से बचें।
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2. विटामिन बी6 (pyridoxine)
विटामिन बी6 (पाइरिडोक्सिन) वो विटामिन है जो कि नर्वस सिस्टम को हेल्दी रखने में मददगार है। ये विटामिन आपके ब्रेन सेल्स को हेल्दी रखता है और शरीर के साथ इनकी कनेक्टिविटी को बेहतर बनाता है। दरअसल, जब शरीर में इस विटामिन की कमी होती है तो आपको झटके (seizures) लग सकते हैं। ऐसे में इस विटामिन की कमी से बचें।
3. विटामिन बी12 (cobalamin)
बी12 (कोबालामिन) की कमी से नसों में अंकड़न की समस्या रहती है और कई बार नसों का काम काज मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा इसकी कमी ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को बढ़ावा देती है और फिर ये कई समस्याओं का कारण बनती है। ऐसे में आपको कमजोर नसों को मजबूत बनाने वाले इन विटामिन का सेवन करना चाहिए।
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तो, नसों को मजबूत बनाने के लिए आप अंडा, मछली, ब्रेकफास्ट में नट्स और ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें। इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा सब्जियों का सेवन करें और लक्षण दिखते ही डॉक्टर को दिखाएं। ताकि समय से बीमारी कंट्रोल में रहे।
Source: NCBI