कोरोना काल में बुखार के नाम से कई लोगों की कंपकंपी छूट जाती है। बुखार शरीर को तोड़ डालने वाली बीमारी है और ऊपर से वायरल फीवर तो आस पास के लोगो को भी संक्रमित कर देता है। बदलते मौसम में और संक्रमण के चलते अक्सर लोग वायरल बुखार की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में एंटीबायोटिक ली जाती हैं लेकिन वो उस वक्त तो फायदा करती हैं लेकिन बाद में वो शरीर के लिए नुकसानदेय हो जाती हैं। इसलिए समय रहते बुखार को भांप लिया जाए तो व्यक्ति घरेलू इलाज करके भी वायरल बुखार से राहत पा सकता है।
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आइए जानते हैं कि बुखार आने से पहले शरीर किस तरह के संकेत देता है। इन्हीं संकेतों से पहचान लेना चाहिए कि आप वायरल की चपेट में आने वाले हैं।
1. थकान - शरीर में थकान महसूस होने लगेगी। किसी छोटे से काम को करने में भी आफत लगने लगेगी। बिस्तर पर लेटे रहने का दिल करेगा।
2. मांसपेशियों में दर्द -मांसपेशियों में दर्द होना भी वायरल बुखार का एक बड़ा लक्षण है।
3. खांसी - गले में जलन के साथ रह रह कर खांसी आना भी बताता है कि बुखार होने के चांस है।
4. जोड़ों में दर्द -जोड़ों खासकर हाथ औऱ पैरों के जोड़ों में दर्द होना भी बुखार का संकेत है।
5. गले में खराश - गले में खराश होगी और कांटे जैसी चुभन होगी, ठंडा पीना पीने का मन करेगा। प्यास भी बढ़ जाएगी
6. दस्त -कई लोगों को वायरल से पहले दस्त हो जाते हैं। ये तब होता है जब पेट में संक्रमण की वजह से वायरल होने की संभावना होती है।
7. सिर और आंखों में दर्द -सिर में दर्द होना शुरू हो जाता है। नाक के ठीक ऊपर और आंखो के आस पास भी दर्द महसूस होता है। सिर में भारीपन लगता है।
8. स्किन पर रैशेज -कई लोगों की त्वचा पर लाल दाने या रैशेज उभर आते हैं। ये भी वायरल का संकेत है।
9. आंखों से पानी आना - वायरल बुखार से पहले आंखें भारी हो जाती हैं और आंखों से पानी बहना शुरू हो जाता है।
10. चेहरे पर सूजन - दिन के वक्त भी चेहरे पर सूजन प्रतीत होती है।
11. ठंड लगना और कंपकंपी छूटना -अगर कंपकंपी छूट रही हो और तेज ठंड लग रही हो, शरीर पर रोंगटे खड़े हो रहे हों और साथ ही शरीर में दर्द भरी अंगड़ाई आ रही हो
तो समझ लीजिए कि वायरल होने वाला है।
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वायरल बुखार उतारने के घरेलू टिप्स
अदरक में एंटी आक्सिडेंट गुण बुखार को ठीक करते हैं. एक चम्मच काली मिर्च का चूर्ण, एक छोटी चम्मच हल्दी का चूर्ण औरएक चम्मच सौंठ यानी अदरक के पाउडर को एक कप पानी और हल्की सी चीनी डालकर गर्म कर लें. जब यह पानी उबलने के बाद आधा रह जाए तो इसे ठंडा करके पिएं. इससे वायरल फीवर से आराम मिलता है.
तुलसी में एंटीबायोटिक गुण होते हैं जिससे शरीर के अंदर के वायरस खत्म होते हैं. एक चम्मच लौंग के चूर्ण और दस से पंद्रह तुलसी के ताजे पत्तों को एक लीटर पानी में डालकर इतना उबालें जब तक यह सूखकर आधा न रह जाए. इसके बाद इसे छानें और ठंडा करके हर एक घंटे में पिएं. आपको वायरल से जल्द ही आराम मिलेगा.
1. धनिया की चाय
धनिया में बीज में पायथ्योन्यूट्रियंस होते हैं जो इम्यून सिस्टम मजबूत करने के साथ साथ वायरल संक्रमण से लड़ने में सहायक होते हैं। इसलिए बुखार में रोगी को धनिये की चाय बनाकर देनी चाहिए। यह आर्युवेदिक औषधि है जिसका साइड इफक्ट भी नहीं होगा और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।
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2. तुलसी की चाय
वायरल बुखार से पीड़ित व्यक्ति को वायरल पिलानी चाहिए। तुलसी की पत्तियों में एंटी वायरल गुण होते हैं इसमें प्रतिरोधक क्षमता दूर करने की भी ताकत होती है। आठ से दस तुलसी की पत्तियो को उबाल कर इस पानी में चाय की पत्ती और दूध मिलाकर पिलाने से लाभ होगा।
3. तुलसी औऱ लौंग का पेय
तुलसी और लौंग का कॉम्बिनेशन भी वायरल फीवर को तोड़ने में कारगर होता है। इसे रोगी को दिन में तीन से चार बार देने पर बुखार में आराम मिलता है। इसे तैयार करने के लिए दस से बारह लौंग की कलियों को पानी में धोकर उबालने रख दें। साथ में इतनी ही तुलसी की पत्तियां भी धोकर साथ उबाल लें। इस पानी को आधा होने तक उबालें औऱ फिर हलका गुनगुना होने पर बुखार से पीड़ित व्यक्ति को आधा कप पिलाएं।