मानसून के मौसम में डेंगू और चिकनगुनिया के अलावा वायरल बुखार भी तेजी से फैल रहा है। देश में हर दिन वायरल बुखार (viral fever) के कई मामले दर्ज हो रहे हैं, अगर इस बुखार में सावधानी नहीं बरती जाए तो यह संक्रमण घर के बाकी सदस्यों में भी फैल सकता है। वायरल बुखार ज्यादातर मौसम बदलने के दौरान होने वाली बीमारी है, मौसम के तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण हमारे शरीर की इम्यूनिटी कमजोर पड़ जाती है और यह जल्दी वायरस की चपेट में आ जाता है। यहां हम आपको वायरल फीवर के लक्षण, कारण और इससे बचाव के तरीके बताने वाले हैं।
वायरल बुखार की क्या पहचान है? (What are symptoms of viral fever)
वायरल बुखार बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा फैलता है, अगर इसके लक्षणों को इग्नोर किया तो समस्या बढ़ सकती है। वायरल बुखार या फीवर (viral fever symptoms) होने पर पूरे शरीर में दर्द के साथ थकान, खांसी, जोड़ों में दर्द, दस्त, स्किन पर रैशेज, सर्दी लगना, गले में दर्द, सिर दर्द और आंखों में जलन की शिकायत के साथ 5 से 6 दिन तक तेज बुखार रहता है।
वायरल होने का क्या कारण है? (Causes of Viral Fever)
वायरल बुखार होने का सबसे बड़ा कारण कमजोर इम्यूनिटी है। इसके अलावा दूषित पानी एवं भोजन का सेवन या वायरल बुखार वाले मरीज के साथ रहने के कारण हो सकता है।
वायरल फीवर से बचाव (How to prevent viral fever)
- मौसम के बदलते समय और खासकर बरसात के मौसम में खानपान का खास ख्याल रखना चाहिए और डाइट में विटामिन C, आयरन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर फूड आइटम शामिल करने चाहिए। इसके साथ ही खाने में उबली हुई सब्जियां खाएं और बाहर के दूषित पानी एवं भोजन से बचें।
- बाहर का पानी पीने से बचें और पानी को पहले उबाल कर थोड़ा गुनगुना ही पिएं।
- वायरल बुखार के मरीजों के संपर्क में आने से बचें।
- शरीर की इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करें और अच्छी डाइट के साथ एक्सरसाइज भी करें।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)
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