कैंसर आज दुनिया का सबसे गंभीर बीमारी बन चुका है। इससे होने वाली मौत के आंकड़े भी काफी डरावने हैं। साल 2020 में दुनियाभर में कैंसर से करीब एक करोड़ मौतें हुई थीं। वहीं भारत की बात करें तो 159 लोगों की मौत कैंसर की वजह से हर घंटे हो रही है। इन आंकड़ों के जरीए कैंसर की गंभीरता को हर कोई समझ सकता है। ऐसे में कैंसर के इलाज के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक नए-नए रिसर्च करते रहते हैं। हर रिसर्च में एक नई बात सामने आती है।
वहीं अब पौलेंड के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में बताया कि आने वाले समय में सब्जियों से कैंसर की दवाएं बनाई जा सकती हैं। शोधकर्ताओं ने सोलनम जीन वाले पौधों में ऐसे बायोएक्टिव यौगिकों की पहचान की है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस यौगिक की मदद से कैंसर के इलाज के लिए नई दवाएं बनाई जा सकती हैं। कैंसर पर किया गया यह शोध 'जर्नल फ्रंटियर्स इन फार्माकोलॉजी' में प्रकाशित किया गया है।
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कैंसर पर किया गया यह रिसर्च प्रोफेसर मैग्डालेना विंकील के नेतृत्व में पालैंड के पोजनैन स्थित 'एडम मिकीविक्जि यूनिवर्सिटी' के शोधकर्ताओं ने किया है। शोधकर्ताओं ने ग्लाइको अल्कलॉइड नामक बायोएक्टिव यौगिकों की समीक्षा की है। बता दें कि यह यौगिक टमाटर, आलू जदैसी सब्जियों में पाया जाता है। रिसर्च में ये बात सामने आई है कि इस यौगिक से कैंसर का इलाज संभव हो सकता है।
शोध में ये बात सामने निकलकर आई है कि ग्लाइको अल्कलॉइड कैंसर कोशिका की वृद्धि को रोकने और कैंसर कोशिका को खत्म कर सकता है। शोधकर्ताओं ने इस रिसर्च में 5 ग्लाइको अल्कलॉइड यौगिक -सोलनिन, सोलासोनाइन, चाकोनीन, टोमैटिन और सोलामार्गिन का अध्ययन किया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, कई पौधे ऐसे हैं जो जहरीले होते हैं। हालांकि, सही खुराक जहर को भी दवा में परिवर्तित कर सकता है। वैज्ञानिकों को अगर अल्कलॉइड की एक सही खुराक मिल जाए तो इसकी मदद सो कई बीमारियों के लिए दवाई बनाई जा सकती है।