Highlights
- गोखरू की गिनती जड़ी बूटियों में की जाती है और ये काफी असरदार होती है।
- गोखरू यूरिक एसिड के साथ-साछ हाइपरॉक्सालुरिया की मात्रा भी कम करता है।
Uric Acid: आजकल लोगों में कुछ गंभीर बीमारियां बेहद आम होती जा रही हैं। जिनमें से एक है यूरिक एसिड। यूरिक एसिड एक गंभीर समस्या है। जिससे काफी लोग परेशान है। यूरिक एसिड हमारे शरीर में इकट्ठा होने वाली गंदगी हैं। यह हमारे खून में जमा होती है और धीरे-धीरे खून में मिलने लगती है। यूरिक एसिड प्यूरीन वाली चीज़ों का सेवन करने से होता है। इसका एक और बड़ा कारण है हमारा बदलता खानपान और लाइफस्टाइल। जिसका सीधा असर हमारी सेबत पर पड़ता है।
यूरिक एसिड की परेशानी अब हर दूसरे-तीसरे शख्स के अंदर देखने को मिल जाती है। इसका सही समय पर इलाज या इस रोकने के उपाय नहीं किए जाते हैं तो शरीर में प्यूरीन की मात्रा बढ़ने लगती है। यदि ऐसा होता है तो शरीर के अंदर यूरिक क्रिस्टल बनने भी शुरू हो जाते हैं। जिससे आपकी जान भी खतरे में आ सकती है। यूरिक क्रिस्टल बनने से कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है । जैसे गाउट, गठिया या किडनी की पथरी सहित कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
अगर आप भी इसी तरह की समस्या से परेशान हैं तो डॉक्टर के सलाह के साथ-साथ कुछ आयर्वेदिक उपाय भी जरूर अपनाएं। गोखरू यूरिक एसिड कम करने में काफी लाभदायक माना जाता है। गोखरू की गिनती जड़ी बूटियों में की जाती है और ये काफी असरदार भी होती है। गोखरू यूरिक एसिड के साथ-साछ हाइपरॉक्सालुरिया की मात्रा भी कम करता है। जिससे किडनी में पथरी का खतरा नहीं होता।
कैसे करें गोखरू का सेवन
- गोखरू एक कांटेदार जड़ी बूटी है। इसका पाउडर बनाकर इसका सेवन किया जा सकता है।
- गोखरू के साथ त्रिफला और गिलोय को धूप में सुखाकर इसका भी पाउडर बनाकर सेवन करें।
- रोजाना दो बार एक-एक चम्मच पानी के साथ इसका सेवन करें।
Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।
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