Highlights
- यूरिक एसिड मरीजों को कौन सी दाल खानी चाहिए?
- गठिया के मरीजों के लिए फायदेमंद है मूंग दाल।
जब किडनी यूरिक एसिड को फिल्टर नहीं कर पाती तो ये शरीर के अंदर खून में जमा होने लगता है। बाद में ये छोटे टुकड़ों में टूटकर हड्डियों के बीच बैठ जाता है और इन्हें कमजोर कर देता है। इस स्थिति को गठिया (gout) कहते हैं। यही नहीं शरीर में यूरिक एसिड (uric acid) का स्तर बढ़ने से कई अन्य समस्याएं भी होने लगती हैं। इनमें गाउट, जोड़ों में दर्द, ब्लड प्रेशर और किडनी से जुड़ी बीमारियां शामिल हैं। इसे कंट्रोल में रखने के लिए नियमित एक्सरसाइज के साथ ही डाइट का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है।
हाई यूरिक एसिड की समस्या से जूझ रहे मरीजों को अपनी डाइट में लो प्यूरीन वाले फूड प्रोडक्ट्स ही शामिल करना चाहिए। आइए जानते हैं मूंग की दाल का सेवन करना यूरिक एसिड के मरीजों के लिए किस तरह से फायदेमंद होता है। साथ ही ये भी जानिए कि रोजाना खाने में कौन सी दालें ले सकते हैं और कौन सी नहीं?
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मूंग की दाल
यूरिक एसिड के मरीजों को मूंग की दाल खाने की सलाह दी जाती है। ये काफी लाइट और हेल्दी होती है। आमतौर पर खिचड़ी या स्प्राउट्स बनाने के लिए इसे उपयोग में लिया जाता है। किसी भी रूप में इसका सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।
ये दालें भी हैं फायदेमंद
दालों में प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है। मूंग के अलावा यूरिक एसिड के पेशेंट अपने भोजन में अरहर की दाल शामिल कर सकते हैं।
बिल्कुल न खाएं ये दालें
यूरिक एसिड के मरीजों को कुछ दाल खाने से परहेज करना चाहिए। मसूर की दाल, राजमा, चना और छोले में प्यूरीन की अधिक मात्रा होती है। इन सभी दालों का सेवन करने से दर्द और सूजन की समस्या बढ़ सकती है।
मटर, मशरूम, बैंगन और हरी पत्तेदार सब्जियां को भोजन में शामिल करने से यूरिक एसिड को कंट्रोल रखने में सहायता मिल सकती है। साथ ही ओट्स, ब्राउन राइस और जौ खाने से भी लाभदायक हो सकता है।
Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।
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