शरीर में यूरिक एसिड ज्यादा ना बढ़े, इसके लिए उन चीजों के सेवन से बचना चाहिए, जिनमें प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है। यूरिक एसिड की मात्रा शरीर में जब बढ़ने लगती है तो इसका असर शरीर के अन्य अंगों पर पड़ने लगता है। यहां तक कि जोड़ों में दर्द, शरीर में सूजन, किडनी की बीमारी और मोटापा जैसी कई समस्याओं के शिकार भी आप हो सकते हैं। ऐसे में बढ़े हुए यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए दवाओं के अलावा कुछ घरेलू नुस्खे भी अपना सकते हैं। ये घरेलू नुस्खा प्याज का है। जानें प्याज बढ़े हुए यूरिक एसिड को किस तरह से नियंत्रित करेगा। इसके साथ ही इसके इस्तेमाल का सही तरीका भी जानिए।
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जानें सामान्य तौर पर शरीर में कितना होना चाहिए यूरिक एसिड का लेवल
शरीर में पहले से ही यूरिक एसिड की कुछ मात्रा होती है, जो 3.5 से 7.2 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर तक हो सकती है। अगर इससे ज्यादा यूरिक एसिड की मात्रा पाई गई, तो इसे हाई यूरिक एसिड की समस्या कहा जाता है। यूरिक एसिड शरीर में मौजूद प्यूरीन नामक प्रोटीन के टूटने से बनता है।
प्याज करेगा बढ़े हुए यूरिक एसिड को नियंत्रित
कई लोग ऐसे होते हैं कि अगर खाने में प्याज का इस्तेमाल नहीं हुआ तो उन्हें खाना ही पसंद नहीं आता। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि प्याज खाने में क्या भूमिका निभाता है। लेकिन क्या आपको पता है प्याज खाने का स्वाद बढ़ाने के अलावा बढ़े हुए यूरिक एसिड को भी नियंत्रित करने में कारगर है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए शरीर का मेटाबॉलिज्म का ठीक होना जरूरी है। इससे वजन काबू में रहेगा और शरीर से विषाक्त पदार्थ जल्द ही बाहर निकल जाएंगे। ये सभी गुण प्याज में होते हैं जो मेटाबॉलिज्म को बूस्ट कर यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में सहायता करता है।
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ऐसे करें प्याज का सेवन
अगर आप बढ़े हुए यूरिक एसिड कंट्रोल करना चाहते हैं तो कच्चे प्याज का सेवन करना आपके लिए अच्छा होगा। इसका इस्तेमाल आप सलाद के रूप में कर सकते हैं। इसके साथ ही प्याज का रस खाली पेट पीने से भी आपको फायदा होगा।
जानें यूरिक एसिड में कैसे असरदार है प्याज
- प्याज में फोलेट, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, विटामिन ए, सी और ई प्रचुर मात्रा में होता है। इसके साथ ही एंटी ऑक्सीडेंट्स और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं। ये सभी यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में कारगर हैं।
- प्याज एक प्यूरीन फूड है।
- प्याज में मौजूद तत्व शरीर में नॉर्मल प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाते हैं। इससे शरीर में प्यूरीन कम मात्रा में बनता है।
Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।