शरीर में यूरिक एसिड बढ़ना आजकल आम समस्या बनती जा रही है। इसका एक कारण शारीरिक गतिविधियों में कमी आना भी हो सकता है। अगर समय रहते यूरिक एसिड को कंट्रोल करने पर ध्यान नहीं दिया जाए तो ये काफी घातक हो सकता है। ये ऐसी बीमारियों की वजह बन सकता है, जो ताउम्र आपको परेशान करती रहेंगी। हाई यीरिक एसिड से गठिया का रोग, किडनी खराब होना, शुगर होना और हृदय संबंधी बीमारियां होने का खतरा बना रहता है।
यूरिक एसिड को कंट्रोल में रखने के लिए खान-पान में बदलाव करना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में आपके लिए ये जानना आवश्यक है कि यूरिक एसिड बढ़ने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। आज हम आपको बताएंगे कि खाने में क्या मामूली बदलाव करके आप यूरिक एसिड को कंट्रोल कर सकते हैं।
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फाइबर से भरपूर फूड्स ज्यादा खाएं
- अधिक मात्रा में प्रोटीन युक्त डायट का सेवन करने से शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाता है।
- इसलिए अगर आपको ये समस्या है तो खाने में प्रोटीन युक्त चीजों की मात्रा कम करें और फाइबर की मात्रा वाले भोजन खाएं।
- मौसमी फल, हरी सब्जियां और ड्राफ्रूट्स में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है। ड्राइफूट्स में भी खासतौर पर मखाना, छुआरा और अखरोट। इन्हें खाने से आपको फायदा हो सकता है।
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कुछ खास मसाले भी है लाभदायक
- रसोई में रखे कुछ खास मसाले भी यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में आपकी सहायता कर सकते हैं। इसमें सबसे ज्यादा फायदेमंद है अजवाइन। आप अपने खाने में अजवाइन का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर अजवाइन का पानी भी पी सकते हैं।
- अजवाइन प्राकृतिक तौर पर बहुत ज्यादा गर्म होती है। इसलिए ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से आपको सेहत से जुड़ी दूसरी समस्याएं हो सकती हैं। खासतौर पर गर्मी के मौसम में आधा टेबल स्पून से ज्यादा अजवाइन का उपयोग ना करें। लेकिन, इसका उपयोग नियमित रूप से करें।
- इसके अलावा आंवला पाउडर और आंवले की चटनी भी यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में सहायक है। विटमिन-सी युक्त सभी फलों का सेवन करने से शरीर में यूरिक एसिड का संतुलन बना रहता है।
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जूस और सिरका
- बढ़े हुए यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में गेहूं के ज्वार का ताजा जूस, नींबू पानी और सेब का सिरका काफी उपयोगी रहते हैं। क्योंकि इनमें विटामिन-सी, एंटीइंफ्लामेट्री गुण, एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे तत्व पाए जाते हैं।
- ये शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रित करने के साथ ही, यूरिन की मात्रा में कुछ वृद्धि कर देते हैं, जिससे शरीर में यूरिक एसिड एकत्रित नहीं हो पाता है।