डायबिटीज में त्रिफला: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें शुगर का बैलेंस न होना कई सारी समस्याओं का कारण बन सकता है। ये न सिर्फ शुगर के लक्षणों को बढ़ावा देता है बल्कि, ये दूसरी बीमारियों का भी कारण बन सकता है। जैसे लिवर और किडनी को डैमेज करना और फिर दूसरे अंगों को भी प्रभावित करना। ऐसे में जरूरी ये है कि आप शुरुआत से ही शुगर मैनेज करने के बारे में सोचें और इसके लिए काम काम करें। ऐसे में छाछ में त्रिफला मिलाकर लेना (triphala with chach for diabetes patients) काफी कारगर तरीके से काम कर सकता है। क्यों और कैसे, जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
डायबिटीज में त्रिफला कैसे काम करता है
त्रिफला में मौजूद एक घटक टर्मिनलिया बेलिरिका (Terminalia bellirica) में मधुमेहरोधी क्षमता होती है। यह पौधा गैलिक एसिड से समृद्ध है, जो एक फाइटोकेमिकल है और यह इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार कर सकता है, जिससे कोशिकाओं को ब्लड शुगर को अवशोषित करने में मदद मिलती है।
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डायबिटीज के मरीज छाछ के साथ मिलाकर लें त्रिफला
डायबिटीज में आप छाछ में त्रिफला चूर्ण मिलाकर लेना शुगर मेटाबोलिज्म में तेजी ला सकता है। ये आपके पेनक्रियाज के कामकाज को बेहतर बनाता है और फिर इंसुलिन के प्रोडक्शन में तेजी लाता है। इससे होता ये है कि जब आप खाते हैं और इससे जितना भी शुगर निकलता है, त्रिफला छाछ इसे पचाने में मदद करता है। त्रिफला के एंटीऑक्सीडेंट से पाचन क्रिया भी तेज होता है, जिससे शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
डायबिटीज में कब्ज की समस्या को कम करता है त्रिफला छाछ
डायबिटीज में कब्ज की समस्या सबसे ज्यादा परेशान करती है। इससे शुगर बढ़ता है और शरीर के कई अंग प्रभावित होने लगते हैं। ऐसे में त्रिफला छाछ को पीना मल में थोक जोड़ने का काम करता है और पेट साफ करता है। इससे शरीर से टॉक्सिन साफ हो जाते हैं और शुगर नहीं बढ़ता। तो, अगर आपको डायबिटीज है तो छाछ में त्रिफला मिलाकर पिएं।
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कब पिएं त्रिफला छाछ?
त्रिफला छाछ पीने का सही समय है सुबह खाली पेट या फिर दिन के समय। ध्यान रखें कि शाम से पहले इसे पी लें ताकि ये आपके शरीर पर काम करे। तो, अगर आपने आज तक त्रिफला नहीं ट्राई किया है एक बार ट्राई जरूर कर लें। ये डायबिटीज के अलावा कोलेस्ट्रॉल कम करने में भी मददगार है। इसके अलावा ये पेट को ठंडा करता है औरकई बीमारियों से बचाता है।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)
Source: ncbi.nlm.nih.gov