कोरोना काल में कई आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों ने ऐसे कमाल दिखाया कि वो रामबाण साबित हुईं। इन्हीं जड़ी बूटियों में से एक त्रिफला भी है। त्रिफला में कई ऐसे चीजें पाई जाती हैं जिनकी वजह से आप न केवल कोरोना बल्कि कई बीमारियों से खुद को बचा पाए। कोरोना काल में सबसे ज्यादा लोगों ने आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के काढ़े को ही खूब उबाल उबाल कर पिया और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया।
त्रिफला में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लामेट्री और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। इसके नाम से साफ समझ आ रहा है कि यह 3 फलों से मिलकर बना होता है। त्रिफला चूर्ण आंवला, बहेड़ा और हरड़। आज हम आपको आयुर्वेदिक हर्ब्स सीरीज में त्रिफला के बारे में विस्तार से बताएंगे। इसमें हम आपको त्रिफला के फायदे, सबसे ज्यादा चर्चित इम्यूनिटी बूस्टर काढ़ा बनाने का तरीका सहित किन लोगों को इस आयुर्वेदिक औषधि का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए ये भी बताएंगे।
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त्रिफला के फायदे
इम्यूनिटी बढ़ाने में करें मदद
त्रिफला में अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते है। इसके लिए रोजाना रात को सोने से पहले 3 से 9 ग्राम पानी या दूध के साथ इसका सेवन कर सकते हैं।
मोटापा से दिलाएं निजात
अगर आप मोटापा से ग्रस्त है, तो रोज सुबह एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच त्रिफला पाउडर और शहद डालकर पीने से आपको मोटापा कम हो जाएगा।
आंखों की रोशनी बढाएं
अगर आपकी कम दिखाई देता है तो एक चम्मच त्रिफला पाउडर को किसी मिट्टी के बर्तन में भिगो दें। और इसे दूसरे दिन सुबह छानपर पिएं। इससे आपको रोशनी तेज हो जाएगी।
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दांतों को रखें मजबूत
रात को थोड़े से पानी में त्रिफला चूर्ण को भिगो दें। सुबह ब्रश करने के बाद इस पानी को मुंह में भरकर थोड़ी देर के लिए रखें। इससे आपके दांत मजबूत हो जाएंगे।
मुंह की बदबू को भगाएं
अगर आपके मुंह से बदबू आ रही है तो इसके लिए त्रिफला के पानी से कुल्ला करें। इससे बदबू के साथ-साथ मुंह की बीमारियों से भी निजात मिल जाएगा।
वजन करें कम
त्रिफला में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो आपकी पाचन तंत्र को फिट रखने के साथ वजन कम करने में मदद करता है। इसके लिए 1 गिलास पानी में चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर रातभर के लिए रग दें। दूसरे दिन इस पानी को आधा हो जाने तक उबाले। फिर इस उबले हुए पानी में शहद मिलाकर इसका सेवन करें।
बालों को रखें हेल्दी
अगर आप हमेशा बालों को झड़ने की समस्या से परेशान रहते है तो इसके लिए -5 ग्राम त्रिफला चूर्ण को 15 एमएल लौह भस्म में मिलाकर दिन में बार सेवन करें। कुछ ही दिनों में आपको असर नजर आ जाएगा।
एसिडिटी और पेट में जलन के लिए त्रिफला का ऐसे करें सेवन
एसिडिटी और पेट जलन से पीड़ित व्यक्ति त्रिफला चूर्ण को पानी के साथ आधा चम्मच रोजाना सुबह, दोपहर और शाम को लें। इससे उन्हें जल्दी आराम मिलेगा।
त्रिफला का काढ़ा
त्रिफला का काढ़ा इम्यूनिटी बूस्ट कर आपको कई रोगों से बचाए रखेगा। जानिए इस काढ़े को कैसे घर पर आप आसानी से बना सकते हैं।
त्रिफला काढ़ा बनाने के लिए जरूरी चीजें
- 2 चम्मच त्रिफला चूर्ण लें
- दो गिलास पानी में डालें
- एक गिलास पानी बचने तक खौलाएं
- गुनगुना होने पर पीएं
बनाने की विधि- सबसे पहले दो गिलास पानी को एक बर्तन में डालें और गैस पर धीमी आंच पर रखें। अब इसमें 2 चम्मच त्रिफला चूर्ण डालें। इस पानी को तब तक खौलाएं जब तक ये आधा न हो जाए। आधा होते ही गैस बंद कर दें। इसके बाद इसे छान लें। जब ये हल्का गुनगुना हो जाए तो इसे पी लें।
त्रिफला के नुकसान
प्रेग्नेंसी में ना करें सेवन
गर्भावस्था में या फिर स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी त्रिफला का सेवन कम करना चाहिए। इससे शरीर पर नकारात्मक असर पड़ता है।
लूज मोशन होना संभव
त्रिफला का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से लूज मोशन की समस्या हो सकती है। इसीलिए त्रिफला कितना ले रहे उसकी मात्रा का खास ध्यान रखें।
ज्यादा सेवन में हमेशा आती है नींद
किसी भी चीज की अधिकता सेहत के लिए हानिकारक होती है। इसी तरह अगर आप ज्यादा मात्रा में त्रिफला रोजाना ले रहे हैं तो इससे आपको ज्यादा नींद आने की समस्या हो सकती है।
कुछ दवाओं के साथ खाना खतरनाक
डायबिटीज पेशेंट अगर त्रिफला का सेवन कर रहे हैं तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। ऐसा इसलिए क्योंकि शुगर के पेशेंट दवा भी खाते हैं। ऐसे में दवा का कॉम्बिनेशन के साथ त्रिफला लेने से पहले सलाह लेना जरूरी है।