कोलेस्ट्रोल का बढ़ना आपके ब्लड वेसेल्स ही नहीं पूरे शरीर को प्रभावित करता है। ये आपकी धमनियों में जमा हो जाता है और फिर खून के रास्ते को बाधित करता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है। इसके अलावा ये हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट और दिल की बीमारियों का भी कारण बनता है। अब इसी कड़ी को जोड़ते हुए और भारतीय युवाओं में दिल की बीमारियों के बढ़ते मामले को देखकर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Masukh Mandiviya) ने संसद में एक जरूरी बात बताई है। उन्होंने चिंता जताते हुए बताया है कि भारत में हर साल 5 लाख से ज्यादा लोगों की मौत बैड कोलेस्ट्रॉल और ट्रांस फैट की वजह से हो जाती है।
इन फूड्स में होता है सबसे ज्यादा ट्रांस-फैटी एसिड
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि ट्रांस-फैटी एसिड के अधिक सेवन से कोरोनरी हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। मंडाविया ने कहा कि ये ट्रांस-फैट आमतौर पर पैकेज्ड खाद्य पदार्थों, रेडी टू इट आइट्स, खाना पकाने के तेल और स्प्रेड में पाया जाता है। ये तमाम चीजें शरीर में बैड कोलेस्ट्रोल और ट्रांस फैट बढ़ाते हैं और इसकी वजह से हर साल लगभग 5,40,000 मौतें ट्रांस-फैटी एसिड के सेवन के कारण होती है।
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कोरोनरी हृदय रोग से मौत का खतरा 28% तक
इतना ही नहीं, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने यह भी बताया कि उच्च ट्रांस-फैट के सेवन से मृत्यु का खतरा 34% तक बढ़ सकता है। तो, कोरोनरी हृदय रोग से होने वाली मौतों का जोखिम 28% तक बढ़ सकता है। ये सब ट्रांस-फैट या कहें कि एलडीएल कोलेस्ट्रोल (ldl cholesterol) जिसे बैड कोलेस्ट्रॉल भी कहते हैं इस वजह से हो सकता है। इसलिए भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने भारत में ट्रांस-वसा की खपत को धीरे-धीरे कम करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा बनाई नीति लागू की है। आगे चलकर FSSAI इस बात को तय करेगी कि खाद्य तेलों, फैट और खाद्य उत्पादों में औद्योगिक ट्रांस-फैटी एसिड की मात्रा 2% से ज्यादा न हो।
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तो, अगर आपको हेल्दी रहना है तो अपने खाने में बेक्ड, प्रोप्रेस्ड और डिब्बा बंद चीजों को कम करें। साथ ही ज्यादा ऑयली फूड्स के सेवन से भी बचें क्योंकि ये आपके शरीर में बैड कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ा सकते हैं।