जो लोग रोजाना योग-प्राणायाम या फिर कोई वर्कआउट नहीं कर रहे उनके लिए इंग्लैंड से बूरी खबर है। लंदन यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के मुताबिक, इंटरनेट एक्पोजर का दिमाग के न्यूरॉन सिस्टम पर बुरा असर पड़ रहा है। इतना ही नहीं जो लोग हर दिन मोबाइल पर लंबी बात करते हैं वो भी सावधान हो जाए। क्योंकि ऐसे लोगों में ब्रेन ट्यूमर के मामले रिपोर्ट हो रहे हैं और तो और, ट्रीटमेंट में देरी, मामूली से टयूमर को कैंसरस बना रहे हैं।
लाइफ स्टाइल की खराब आदतों की वजह से, जब दिमाग के सेल्स एबनॉर्मल तरीके से बढ़ने लगते है तो ब्रेन में टिश्यूज की एक गांठ बन जाती है। जो दो तरीके की होती है एक बिनाइन और दूसरी मेलिग्नेंट। बिनाइन ट्यूमर धीरे-धीरे बढ़ता है जबकि मेलिग्नेंट ट्यूमर की ग्रोथ बहुत तेजी से होती है और ये कैंसरस होता है। इससे डरने की जरूरत इसलिए है कि दुनिया में हर साल लगभग 8 लाख लोग ब्रेन कैंसर से जान गवांते हैं। भारत में भी हर साल तकरीबन 50 हजार केसेज सामने आते हैं। इनमें भी 20 परसेंट छोटे बच्चे होते है। इतना कुछ बताने का मतलब ये कि ब्रेन हेल्थ ही नहीं शरीर में कहीं भी बनने वाले ट्यूमर को हल्के में नहीं लेना चाहिए तो चलिए ओवरऑल फिटनेस की गारंटी योग की शरण में चलते हैं।
ब्रेन ट्यूमर - क्या हैं लक्षण
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सिरदर्द
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वॉमिटिंग
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मूड स्विंग्स
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सुनने में दिक्कत
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बोलने में दिक्कत
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याददाश्त कमजोर
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नजर कमजोर
ब्रेन डिसऑर्डर - बीमारी
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पार्किंसन
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अल्जाइमर
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डिमेंशिया
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ब्रेन इंजरी
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ब्रेन ट्यूमर
ब्रेन रहेगा हेल्दी - 5 उपाय
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एक्सरसाइज
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बैलेंस डाइट
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तनाव से दूर
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म्यूजिक
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अच्छी नींद
ब्रेन रहेगा स्ट्रॉन्ग
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बादाम रोगन दूध में डालकर पीएं
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बादाम रोगन नाक में डालें
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बादाम-अखरोट पीसकर खाएं
Disclaimer: (इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।