'दाल-रोटी खाओ..प्रभू के गुण गाओ' आम बोलचाल में हो..या खानपान में दाल-रोटी का कोई तोड़ नहीं है। खाने की बात हो तो, 100 में से 99 थाली में दाल-रोटी दिख जाएगी। आखिर दाल-रोटी हम सबकी जिंदगी में इतना ख़ास क्यों है, कभी सोचा है आपने? अब इस बात पर से वैज्ञानिकों ने पर्दा हटा दिया है। दाल-रोटी से हमारा 70 हजार साल पुराना रिश्ता है। वैज्ञानिकों को इस बात के सबूत मिले हैं कि धरती पर 70 हजार साल से दाल-रोटी खाई जा रही है।
इराक की राजधानी बगदाद से करीब 800 किलोमीटर दूर 'शनिदार' नाम की गुफा में सबसे पुराना जला हुआ शाकाहारी खाना मिला है, जो दाल-रोटी हैं 'शनिदार' की इस गुफा में वैज्ञानिकों को जंगली दालें, जंगली सरसों, जंगली फलियों के जीवाश्म (Fossil) मिले हैं। शायद यही वजह है-दाल-रोटी हम सबकी जिंदगी में स्पेशल है। शाकाहारी खाना-प्लांट बेस्ड फूड खाकर भी उस जमाने में लोग इतने लंबे-चौड़े और गठीले होते थे। वैसे आज भी ऐसे वर्ल्ड क्लास एथलीट हैं जो प्लांट बेस्ड डाइट लेकर अपने performance को बेहतर बनाते हैं चाहे वो विराट कोहली हों या फिर वीनस विलियम्स, लुइस हैमिल्टन, नोवाक जोकोविक और कायरी इरविंग। खेल की दुनिया से तमाम ऐसे नाम हैं जो शाकाहारी हैं।
वैसे ये भी एक मिथ है कि मसल्स को मजबूत बनाने, शरीर को फौलादी बनाने के लिए मांस खाना जरुरी है क्योंकि उसमें ज्यादा प्रोटीन होता है। उल्टे प्लांट बेस्ड डाइट में ज्यादा प्रोटीन है। दाल-साग-सब्जियां हार्ट को हेल्दी बनाते हैं। कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होने से भरपूर एनर्जी मिलती है। फैट में कमी आती है। ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। और ये जल्दी पचता भी है...मतलब ये कि छोटे बच्चे हो या बुजुर्ग, दाल-रोटी से वो अपनी मांसपेशियों में दम भर सकते हैं।
इतना ही नहीं जो लोग किसी भी तरह के मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से जूझ रहे हैं जिनके हाथ,पैर, कमर, हिप और मसल्स कमजोर हो रहे हैं, बॉडी डिजनरेट होने लगी है, चलना-फिरना दूभर हो गया है। उनके लिए भी दाल-रोटी यानि प्लांट बेस्ड डाइट ही बेहतर ऑप्शन है और रोजाना योगाभ्यास करें। तो चलिए, सर्दी के इस मौसम में शरीर को कैसे मजबूत बनाना है, मसल्स में कैसे ताकत भरनी है इसके लिए योग और नेचुरल उपाय योगगुरु से जानते हैं।
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी का कारण
मसल्स पूरी तरह कमजोर होना
जेनेटिक प्रॉब्लम बड़ी वजह
ऑटो इम्यून डिजीज भी वजह
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी
80 तरह की बीमारियां
DMD सबसे घातक
लड़कों में लक्षण उजागर
महिलाएं डैमेज जीन्स कैरियर
डैमेज जीन्स बच्चों में ट्रांसफर
मसल्स में दिक्कत
ब्लड फ्लो
रुकने से
नसों पर
दबाव पड़ने से
पोषक तत्व की कमी से
मसल्स की कमजोरी, कैसे करें दूर?
रोजाना व्यायाम करें
विटामिन-डी से
भरपूर खाना खाएं
दिन में 4-5 लीटर पानी पीएं
आंवले का सेवन करें
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इन चीजों से भी दूर होगी कमजोरी
आंवला-एलोवेरा का जूस पीएं
हरी सब्जियां खाएं
टमाटर का सूप पीएं
अंजीर-मुनक्का भिगोकर खाएं
मसल्स स्ट्रॉन्ग करने का आयुर्वेदिक उपाय
गिलोय पाउडर- 10 ग्राम
एकांगवीर रस- 10 ग्राम
रसराज रस- 2 ग्राम
वसंत कुसमाकर- 2 ग्राम
मोती पिष्टी- 4 ग्राम
रजत भस्म- 2 ग्राम
हीरक भस्म- 3 ml
सबको मिलाकर 60 पैकेट बनाएं
रोजाना 1-1 पैकेट सुबह शाम लें
मसल्स डिस्ट्रॉफी का कारगर उपाय
यज्ञ चिकित्सा करें
जड़ी-बूटी हवन में डालें
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी ओंकार फायदेमंद
ओंकार-ध्यान रोजाना करें
थाइराइड में कारगर
स्ट्रेस, घबराहट दूर
ब्लड सर्कुलेशन बेहतर
वाइब्रेशन से सही डायजेशन
थकान दूर
अच्छी नींद
ब्रेन में वाइब्रेशन से कंसंट्रेशन बेहतर
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बढ़ता वजन क्या है वजह?
हाई कैलोरी फूड
विटामिन-D की कमी
ज्यादा नींद आना
वर्कआउट ना करना
मोटापा घटाने का रामबाण उपाय
सिर्फ गर्म पानी पीएं
सुबह खाली पेट नींबू-पानी लें
लौकी का सूप-जूस लें
लौकी की सब्जी खाएं
अनाज और चावल कम करें
खूब सलाद खाएं
खाने के 1 घंटे बाद पानी पीएं
लंग्स बनाएं मजबूत
रोज़ प्राणायाम करें
हमेशा गुनगुना पानी पीएं
तुलसी उबालकर पीएं
गिलोय का काढ़ा पीएं
हार्ट बनेगा हेल्दी
15 मिनट सूक्ष्म व्यायाम करें
रोजाना लौकी का जूस पीएं
अर्जुन की छाल का काढ़ा पीएं
शुगर होगी कंट्रोल
खीरा,करेला,टमाटर
का जूस लें
गिलोय-नीम
का काढ़ा पीएं
मंडूकासन-वक्रासन
पवनमुक्तासन करें 15 मिनट
कपालभाति करें