पहले घर के आंगन में तुलसी का पौधा होता था। लेकिन आंगन खत्म होते गए और तुलसी के पौधे की अहमियत भी ज़्यादातर पूजा-पाठ तक सिमट गई। लेकिन कोरोना में जिस तरह तुलसी के काढ़े ने चमत्कारी असर दिखाया तब से एक बार फिर तुलसी की खासियत लोगों की नजर में बढ़ गई है। सिर्फ तुलसी ही नहीं, कई ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां हैं जो हजारों बीमारियों में कारगर हैं। ऐसी ही एक बीमारी है थायराइड। हेल्दी रहने के लिए थायराइड हॉर्मोन को कंट्रोल में रखना बेहद जरूरी होता है।
अगर वक्त रहते थायराइड कंट्रोल ना किया जाए तो हार्ट प्रॉब्लम, मेंटल डिसऑर्डर, हेयर फॉल, स्किन प्रॉब्लम, हार्मोनल इम्बैलेंस, बॉडी टेंपरेचर में गड़बड़ी जैसी कई दिक्कते हो जाती हैं। क्योंकि थायराइड ग्लैंड थायरोक्सिन हार्मोन के जरिए शरीर के लगभग हर पार्ट को रेग्युलेट करता है। इस हार्मोन के इम्बैलेंस होने से थायराइड कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।
मेडिकल वर्ल्ड में तो ये भी माना जाता है कि एक बार थायराइड हो गया तो ज़िंदगी भर गोली खानी पड़ेगी लेकिन तुलसी से ना सिर्फ थायराइड की गोली छूटेगी बल्कि हार्मोन बैलेंस रहेंगे। ऐसे में योग गुरु स्वामी रामदेव से जानिए कि तुलसी के पत्ते से थायराइड पर योगिक और आयुर्वेदिक स्ट्राइक कैसे करें।
क्या है थायराइड?
थायराइड गले में स्थित एक ग्रंथि का नाम है। यह ग्लैंड गले के आगे के हिस्से में मौजूद होता है और इसका आकार एक तितली के समान होता है। यह बॉडी के कई तरह के मेटाबॉलिज्म को बनाए रखने के लिए जरूरी होता है। जब ये असंतुलित होता है तो थायरायड की बीमारी होती है। ये रोग हाइपो थायरायड और हाइपर थायरायड दो तरह का होता है।
थायराइड के लक्षण
- गले में सूजन
- मूडट स्विंग होना
- बालों का तेजा से झड़ना
- हद्य गति बढ़ना
- पसीना ज्यादा आना
- दिल की धड़कन तेज होना।
सर्दी में थायराइड कैसे पहचानें
- गले में दर्द
- सर्दी-ज़ुकाम
- बॉडीपेन
- थकान
- आलस
कैसे कंट्रोल होगा थायराइड
- वर्कआउट जरूर करें
- सुबह एप्पल विनेगर पीएं
- रात में हल्दी दूध लें
- कुछ देर धूप में बैठें
- खाने में नारियल तेल इस्तेमाल करें
- 7 घंटे की नींद जरूर लें
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थायराइड में क्या खाएं
- अलसी
- नारियल
- मुलेठी
- मशरूम
- हल्दी दूध
- दालचीनी
- एलोवेरा जूस
- रोजाना त्रिफला 1 चम्मच
- रात में अश्वगंधा और गर्म दूध
- धनिया के बीज पीसकर पानी में पीएं
थायराइड में इन चीजों से करें परहेज
- चीनी
- सफेद चावल
- केक-कुकीज़
- ऑयली फूड
- सॉफ्ट ड्रिंक्स
थायराइड से छुटकारा पाने के लिए प्राणायाम
सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार करने से पूरा शरीर एनर्जी से भरा रहता है। इसके साथ ये हार्ट, फेफड़ों, किडनी आदि को हेल्दी रखने से साथ आपको जवां रखता है। इसके अलावा यह थायराइड से भी छुटकारा दिलाता है।
भ्रस्त्रिका
इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में सांस लें और 5 सेकंड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें। तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े। इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें। इस आसन को रोजाना 5-10 मिनट करें।
कपालभाति
इस प्राणायाम को करने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाती है। इसके साथ ही शरीर से विषाक्त तत्व बाहर निकल जाते हैं। वहीं थायराइड से भी निजात मिलता है।
उज्जायी
इस आसन में गले से सांस अंदर भरकर ऊं का उच्चारण किया जाता है। इससे थायराइड को काफी लाभ मिलता है। इस आसन को नियमित रूप से 7 से 11 बार करें।
अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 15 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं।
सिंहासन
इस आसन को थायराइड के लिए सबसे बेस्ट माना जाता है। इस आसन को करने के लिए दोनों पैरों को सामने की ओर फैला के बैठ जाएं। अब अपने दाएं पैर को मोड़ें और उसे बाएं पैर की जांघ पर रख लें और बाएं पैर को मोड़ें और उसे दाएं पैर की जांघ पर रख लें। अब आगे की ओर झुक जाएं और दोनों घुटनों के बल होते हुए अपने हाथों को सीधा करके फर्श पर रख लें। इसके बाद अपने शरीर के ऊपर के हिस्से को आगे की ओर खींचे। अपने मुंह को खोलें और अपने जीभ को मुंह से बाहर की ओर निकालें। नाक से सांस लेते हुए मुंह से आवाज करें। इस आसन को रोजाना 7 से 11 बार करें।
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थायराइड के लिए योगासन
शीर्षासन
- रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
- कार्यक्षमता को बढ़ाकर एनेर्जेटिक बनाता है
- दिमाग में ब्लड सर्कुलेट करता है
- पिट्यूटरी और पीनियल ग्रंथियों का स्राव नियमित करता है
- स्मरण शक्ति, एकाग्रता, उत्साह, स्फूर्ति, निडरता, आत्मविश्वास और धैर्य बढ़ाता है
सर्वांगासन
- ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बढ़ाता है
- एजिंग को रोकने में सहायक
- शारीरिक संतुलन ठीक रहता है
- तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती
- एकग्रता बढ़ान में मदद करता है
हलासन
- पाचन सुधारने में मदद करता है
- मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है
- वजन घटाने में मदद करता है
- शुगर लेवल को कंट्रोल करता है
- रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ाता और कमर दर्द में आराम मिलता है
- स्ट्रेस और थकान से दूर करता है
- दिमाग को शांति मिलती है
मत्स्यासन
- झुके हुए कंधे नॉर्मल हो जाते हैं
- छाती व फेफड़ों का विकास होता है
- स्त्रियों के गर्भाशय और मासिक धर्म संबंधी रोग दूर होते हैं
- पेट की चर्बी घटती है
- खांसी दूर होती है
मंडूकासन
- डायबिटीज ,कोलाइटिस को कंट्रोल करे
- इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है
- कब्ज और गैस की समस्या करे खत्म
- पाचन तंत्र को करे सही
- लिवर, किडनी को रखें स्वस्थ्य
- वजन घटाने में करें मदद
भुजंगासन
- कमर को पतली और आकर्षक बनाएं
- सीना चौड़ा करें
- लंबाई बढ़ान में मददगार
- शरीर की थकावट करें दूर
- पेट की चर्बी को करें कम
- कमर दर्द से दिलाएं निजात
- शरीर में शक्ति औप स्फूर्ति का संचार करें
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चक्की आसान
- चर्बी को कम करता है
- शरीर को टोन करने के लिए एक अच्छा है
- गर्भावस्था में मदद मिलती है
- नींद में कारगर
- शरीर की सभी मांसपेशियों को मजबूत करता है
- पाचन तंत्र के लिए बहुत जरूरी
- बुढ़ापे के लक्षणों को कम करने में भी फायदेमंद
उष्ट्रासन
- हर तरह के थायराइड को करे दूर
- पेट की चर्बी कम करता है
- पाचन में लाभदायक होता है
- फेफड़े को स्वस्थ रखता है
- डायबिटीज रोगियों के लिए लाभदायक
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