खराब लाइफस्टाइल और खानपान के कारण आज के समय में अधिकतर लोग थायराइड की समस्या से परेशान हैं। जिसके कारण थायराइड के मरीजों को अपने खानपान का भी विशेष ध्यान रखना पड़ता है। जिससे कि यह समस्या ज्यादा बढ़े नहीं। आयुर्वेद के अनुसार वात, पित्त और कफ की समस्या के कारण अधिकतर लोगों को थायराइड की समस्या का सामना करना पड़ता है। स्वामी रामदेव ने थायराइड से छुटकारा पाने के लिए आयुर्वेदिक औषधि बताई है। जानें क्या है वो औषधि और इसे खाने से और कौन-कौन से फायदे होते हैं। इससे अलावा स्वामी रामदेव ने थायराइड में इंस्टेंट आराम के लिए कुछ एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स भी बताए हैं।
थायराइड के लिए औषधि
- 50 ग्राम बहेड़ा
- 25 ग्राम त्रिकुटा
- 10 ग्राम गोदंती का चूर्ण मिला लें
- एक से दो ग्राम सुबह शाम चम्मच से चख लें
- कचनार, गुग्गल और वृद्धिवाधिका वटी की दो-दो गोलियां खा लें
- इससे थायराइड की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा
इस औषधि से अन्य फायदे
- बहेड़ा का चूर्ण थायराइड में लाभकारी है
- बहेड़ा से सूजन, जलन और दर्द में आराम
- बहेड़ा से बाल स्वस्थ होते हैं
- त्रिकुटा चूर्ण से पाचन सुधार होता है
- त्रिकुटा चूर्ण इम्यूनिटी बढ़ाता है
- त्रिकुटा से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है
ये एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स तुरंत देंगे थायराइड में आराम
- हाथ के अंगूठे के नीचे का प्वाइंट दबाएं
- पैर के अंगूठे के नीचे का प्वाइंट दबाएं
अनुलो विलोम जरूर करें
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं। इस प्राणायाम को करने से क्रोनिक डिजीज, तनाव, डिप्रेशन, हार्ट के लिए सबसे बेस्ट माना जाता है। इसके अलावा ये मांसपेशियों की प्रणाली को भी ठीक रखता है। इसे 10 से 15 मिनट करें।
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