पीरियड्स में महिलाओं को असहनीय क्रैम्प्स हुए पेट में ऐंठन की शिकायत होती है। पीरियड्स में ऐंठन और दर्द होने से महिलाओं का शरीर बेहद कमजोर हो जाता है। हाल ही में एक सर्वे के मुताबिक 30 प्रतिशत महिलाएँ मेंस्टुअल क्रैम्प से इतनी ज़्यादा परेशान होती हैं कि वो बिल्कुल भी काम नहीं कर पाती हैं। ऐसे में अगर आप भी चाहती हैं कि आप पीरियड्स के दिनों में भी स्वस्थ और एनर्जेटिक महसूस करें इसलिए आपको अपने जीवनशैली में हल्के फुल्के बलदाव करने होंगे। इसकी शुरुआत आप योग से कर सकती हैं। योग वह साधन है जो आपको तन और मन से मजबूत बनाता है और इससे पीरियड्स पेन और क्रैंप से छुटकारा भी मिल सकता है। योग हमें मानसिक रूप से मजबूत बनाता है और मूड को बूस्ट करता है। ऐसी में आप इन योगसन को अपनी लाइफ में ज़रूर शामिल करें।
- बटरफ्लाई पोज: बटरफ्लाई पोज को हिंदी में तितली आसन भी कहते हैं। पीरियड्स के दर्द को दूर करने में यह योगासन फायदेमंद होता है। यह बेहद आसान योगासन है, इसे करने से भी पीरियड का दर्द धीरे धीरे कम होता है।
- पवनमुक्तासन: ये आसन स्त्रियों के पीरियड्स के दर्द को दूर करने में बेहद असरदार हैं। इसे करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएँ और पैरों को सीधा करें। अब अपने दाएं घुटने को अपनी छाती के पास ले कर आएं। जांघ को पेट तक लाकर अच्छे से दबाएं। गहरी सांस लें तो घुटने को हाथों से अच्छे से पकड़ लें। अब सांस छोड़ते हुए घुटने को ढीला कर दें। पेट की बढ़ी हुई चर्बी के लिए भी यह बहुत ही लाभप्रद है। कमर दर्द, साइटिका, हृदय रोग, गठिया में भी यह आसन लाभकारी होता है। इस आसन से मेरुदंड और कमर के नीचे के हिस्से में मौजूद तनाव दूर होता है।
- वक्रासन: वज्रासन बैठकर किये जाने वाले आसनों में एक महत्वपूर्ण आसन है। वक्रासन ‘वक्र’ शब्द से निकला है जिसका मतलब होता टेढ़ा। इस आसन में रीढ़ टेढ़ी या मुड़ी हुई होती है, इसलिए इसका यह नाम वक्रासन रखा गया है। यह आसन रीढ़ की सक्रियता को बढ़ाता है और पीरियड के दर्द में ये आसान बेहद फायदेमंद है। साथ ही मधुमेह से बचाता है, डिप्रेशन में बहुत अहम भूमिका निभाता है।
- सर्वांगासन: सर्व अंग और आसन अर्थात सर्वांगासन। इस आसन को करने से सभी अंगों को व्यायाम मिलता है इसलिए इसे सर्वांगासन कहते हैं। इस आसन को करने से कई समस्याएं दूर होती हैं। इस आसन से थायराइड ग्लैंड एक्टिव होता है और पीरियड के क्रैम्प में भी छुटकारा मिलता है।