भारत में करीब 2 करोड़ लोग अस्थमा से पीडित हैं। अस्थमा में फेफड़ों प्रभावित होते हैं। अस्थमा से पीड़ित लोगों को सांस लेने में मुश्किल होती है। अगर सही समय में अस्थमा का इलाज नहीं किया गया तो यह अटैक का रूप ले लेता है जो आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। स्वामी रामदेव के अनुसार योग में ऐसी पावर है जिसके द्वारा आप आसानी से अस्थमा से निजात पा सकते हैं। यहां हम आपको कुछ योगासन बता रहे हैं जिन्हें करके अस्थमा के मरीज खुद को हमेशा के लिए फिट रख सकते हैं।
अस्थमा के मरीज रोज़ाना करें ये प्राणायाम
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कपालभाति- कपालभाति करने से पूरे शरीर में ऑक्सीजन का ठीक ढंग से प्रवाह होता है। साथ ही इसे करने से पैंक्रियाज के बीटा सेल्स दोबारा एक्टिव होते हैं जिससे तेजी से इंसुलिन बनने लगता है। इसके अलावा इसे करने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहने के साथ मेटाबॉलिज्म बढ़ता है।
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भ्रामरी- भ्रामरी को करने के लिए पहले आप पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। उसके बाद आप गहरी सांस लें। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं और अंगूठे से कान को बंद करते हैं। उसके बाद आप मुंह से 'ऊं' जपें। इस प्राणायाम को 5 से 7 बार करना चाहिए।
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सूर्य नमस्कार- सूर्य नमस्कार करने से सिर्फ आपका लंग्स ही मजबूत नहीं होइत है बल्कि कई फायदे होते हैं। यह योगसन आपकी पूरी बॉडी को फिट रखता है। यह अस्थमा के रोगियों के लिए काफी कारगर योगासन है। इस आसन को आराम से करना चाहिए।
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मकरासन- मकरासन फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है। इसके साथ ही यह कमर, घुटनों आदि के दर्द से लाभ मिलेगा। इसे करने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है और वजन कम करने में भी मददगार है।
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पवनमुक्तासन- पवनमुक्तासन को करने से आपके फेफड़ मजबूत होते हैं साथ ही यह योगा आपके हार्ट को सेहतमंद रखता है। इसे करने से ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक होता है और साथ-साथ रीढ़ की हड्डी भी मजबूत होती है।
कब करें प्राणायाम?
अब इन योगसान को सुबह के समय करें। सुबह के समय इन योगसान को करने से आपकी सेहत को ज़्यादा फायदा होगा। सुबह के समय लोग एनर्जी से भरपूर होते हैं इसलिए प्राणयाम को सुबह के समय करना चाहिए।