दुनियाभर में करीब 24 करोड़ लोग अस्थमा से पीडित हैं। वहीं भारत की बात की जाए तो करीब 2 करोड़ लोग इस बीमारी के शिकार हैं। जब व्यक्ति की सांस की नली में सूजन आ जाती हैं तो रिस्पेटरी ट्रैक के चारों ओर की मसल्स कसने लगती है जिससे लोगों को खांसी, घबराहट जैसी समस्या हो जाती है। कई लोगों को अस्थमा की बीमारी जेनेटिक तो कई ऐसे लोग एलर्जी के कारण भी इस रोग के शिकार हो जाते हैं। कई बार प्रदूषण, ज्यादा टेंशन लेने के कारण भी लोगों को अस्थमा की समस्या का सामना करना पड़ता है। अगर सही समय में अस्थमा का इलाज नहीं किया गया तो यह अटैक का रूप ले लेता है जो आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। योग और प्राणायाम के द्वारा आसानी से अस्थमा को कंट्रोल ही नहीं क्योर किया जा सकता है। स्वामी रामदेव के अनुसार योग में ऐसी पावर है जिसके द्वारा आप आसानी से अस्थमा से निजात पा सकते हैं। यहां हम आपको कुछ योगासन बता रहे हैं जिन्हें करके अस्थमा के मरीज खुद को हमेशा के लिए फिट रख सकते हैं।
अस्थमा के लक्षण
- खांसी की समस्या से परेशान
- फेफड़ों में दर्द होना
- ठंडा पानी पीने से गले में खराश होना
- बार-बार सर्दी-जुकाम होना
- दौड़ने में सांस का फूलना
अस्थमा के मरीज करें ये प्राणायाम
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गौमुखासन: इस आसन को करने से अस्थमा के मरीजों को आराम मिलता है। इससे आपकी मांसपेशियों में खिंचाव आता है जिसके साथ ही आपके फेफड़े हेल्दी रहते हैं।
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भस्त्रिका: इस प्राणायाम को करने से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह ठीक ढंग से होता है जिससे अस्थमा और डायबिटीज के साथ-साथ कई बीमारियों से भी निजात मिल जाएगा।
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मकरासन: मकरासन फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में बेहद कारागार है। इस आसन से कमर और घुटनों के दर्द में आराम मिलता है। साथ ही ब्लड प्रेशर और वजन कम करने में भी यह आसान कारगर है।
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भुजंगासन: भुजंगासन भी अस्थमा के मरीजों के लिए बेहद लाभकारी है। इस आसन को करने से फेफड़ों में खिंचाव आता है। साथ ही फेफड़ों में ऑक्सीजन पहुंचती है।
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सूर्य नमस्कार: सूर्य नमस्कार करने से सिर्फ अस्थमा ही कंट्रोल नहीं होता है बल्कि आपकी पूरी बॉडी फिट रहती है।