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पुरुषों से अलग महिलाओं में दिखते हैं हार्ट अटैक के ये लक्षण, बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करें

Heart Attack Symptoms In Women: हार्ट अटैक के ज्यादातर लक्षण महिला और पुरुष में एक जैसे होते हैं, लेकिन कुछ लक्षण महिलाओं में ज्यादा नजर आते हैं। अगर आपको भी इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो बिना देरी किए डॉक्टर के पास जाएं। ये हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।

Written By: Bharti Singh @bhartinisheeth
Published : Jan 13, 2025 9:49 IST, Updated : Jan 13, 2025 9:50 IST
महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण
Image Source : FREEPIK महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण

बदलती लाइफस्टाइल और बढ़ते तनाव के बीच लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। सबसे ज्यादा हार्ट से जुड़ी बीमारियां लोगों को डराने लगी हैं। सिर्फ पुरुष में ही हार्ट अटैक के मामले नहीं बढ़ रहे हैं बल्कि महिलाएं भी इसके निशाने पर हैं। महिलाओं में भी पिछले कुछ सालों में हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसी गम्भीर बीमारियों का खतरा काफी बढ़ गया है। खासतौर से 40 साल की उम्र के आसपास के लोगों में हार्ट अटैक का रिस्क काफी तेजी से बढ़ रहा है। महिलाओं में हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ने के कई कारण हैं जिसमें हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव और मेनोपॉज जैसे बदलाव शामिल हैं। 

महिलाओं में हार्ट अटैक के कुछ लक्षण पुरुषों  से अलग दिखाई देते हैं। वैसे हार्ट अटैक का सबसे सामान्य लक्षण है चेस्ट पेन और एंग्जायटी होना। सासं लेने में तकलीफ होना। इसके अलावा भी महिलाओं में कुछ अलग लक्षण नजर आते हैं। जो हार्ट अटैक या हार्ट से जुड़ी बीमारियों के संकेत हो सकते हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो सावधान हो जाएं।

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण?

  • बहुत ज्यादा थकान और कमजोरी महसूस होना
  • सुबह के वक्त उल्टी और जी मिचलाना
  • सांस लेने में तकलीफ होना
  • पीठ में काफी दर्द बने रहना
  • जबड़े में पेन रहना

हार्ट अटैक से कैसे बचें?

महिलाओं के शरीर में अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें। 45 साल की उम्र के बाद महिलाओं को अपने स्वास्थ्य, लाइफस्टाइल और डाइट का खास ख्याल रखना चाहिए। शरीर में किसी तरह का कोई बदलाव होते हुए नजर आए तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। खासतौर से मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को डॉक्टर से जरूर बात करनी चाहिए।

स्ट्रेस लेने से बचें- जो लोग स्ट्रेस ज्यादा लेते हैं उन्हें हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है। इससे हार्ट डिजीज का रिस्क भी बढ़ने लगता है। इसलिए जितना हो सके तनाव से बचें। महिलाओं में प्रेगनेंसी, मेनोपॉज, पीरियड्स और कमजोरी भी स्ट्रेस का कारण बनती है। जो हार्ट पर भी असर डालता है।

लाइफस्टाइल को हेल्दी रखें- खानपान से काफी बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है। हार्ट को स्वस्थ बनाने के लिए अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव जरूर करें। घर का बना खाना खाएं। ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियां खाएं। नट्स और सीड्स खाएं। योग करें और दिनभर में 1 घंटे कोई फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें।

हार्ट अटैक से बचाने वाली आदतें

  1. हेल्दी डाइट का सेवन करें
  2. रोज 1 घंटे एक्सरसाइज करें
  3. हेल्दी वजन मेंटेन रखें 
  4. मेडिटेशन और योग करें
  5. समय पर सोएं और 8 घंटे की नींद लें

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

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