इन दिनों लोग दिल से जुड़ी बीमारियों का बहुत ज़्यादा शिकार हो रहे हैं। कम उम्र में ही लोग हार्ट अटैक, स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। दिल से जुड़ी इन बीमारियों के पीछे सबसे बड़ी वजह आपका बढ़ता बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल है। दरअसल, हमारे शरीर में गुड और बैड कोलेस्ट्रॉल दो तरह के कोलेस्ट्रॉल पाए जाते हैं।, लेकिन जब हमारी बॉडी में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगते हैं तो लोगों को स्ट्रोक्स, हार्ट अटैक और दिल संबंधी बीमारी की समस्या बढ़ जाती है। कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना अनुवांशिक भी हो सकता है। कई बार पीढ़ी दर पीढ़ी ये बीमारी बढ़ती रहती है। जब हमारे शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगता है तो हमारे शरीर में पहले से ही कुछ संकेत दिखने लगते है। चलिए हम आपको बताते हैं कि वे लक्षण कौन से हैं?
ये हैं कोलेस्ट्रॉल के लक्षण
- हाथ-पैर सुन्न पड़ना: शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से अक्सर लोगों के हाथ और पैर सुन्न पड़ें लगते हैं और पूरी बॉडी में सिहरन होने लगती है।
- बहुत ज़्यादा सिर दर्द: हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने से आपको सिर दर्द की समस्या हो सकती है। जब सिर के नसों में जब ढंग से ब्लड नहीं पहुंच पाता है तो उसके पीछे हाई कोलेस्ट्रॉल वजह हो सकती है।
- अक्सर सांस का फूलना: अगर ज़रा भी चलने पर आपका सांस फूलने लगता है या फिर आपको सजोर ज़ोर से सांस लेना पड़ता है तो यह कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का एक बड़ा कारण हो सकता है।
- बेचैनी महसूस होना: कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से दिल से जुड़ी बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए अगर आपको सीने में दर्द, बेचैनी मसहूस हो या दिल जोर से धड़कने लगे तो ये कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का एक बड़ा कारण हो सकता है।
- वजन बढ़ना: अगर आपक वजन लगातार बढ़ते जा रहा है तो इसके पीछे आपका बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल लेवल हो सकता है। ऐसे में अगर आपको इनमें से कोई भी संकेत और लक्षण दिखें तो तुरंत अपना ब्लड टेस्ट कराएं और डॉक्टर से संपर्क करें। जिससे कि आप जानलेवा बीमारी से बच जाएं।
क्या है कोलेस्ट्रॉल का नॉर्मल स्तर?
डॉक्टर के अनुसार, अगर हमारे ब्लड में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 100 mg/dL से कम है तो यह एक नार्मल स्तर है। वहीं, अगर यह स्तर 130 mg/dL से ज्यादा हो जाए,तो यह आपके लिए चेतावनी है। लेकिन अगर आपका बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल 160 mg/dL से ज्यादा है तो यह आपके लिए खतरे की घंटी है। यानी आपका बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ गया है।