उत्तर भारत समेत दिल्ली में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ठंड ज़्यादा बढ़ने से हमारी बॉडी में रक्त का संचार सही तरीके से नहीं होता है। जिससे जॉइंट तक खून की सप्लाई नहीं हो पाती। इस वजह से मसल्स में ऐंठन होने लगती है और ब्लड वेसल्स सिकुड़ने लगते हैं। इन कारणों से जोड़ों में दर्द-अकड़न और सूजन की परेशानी बढ़ जाती है। इस कपकपाती ठंड के मौसम में यूरिक एसिड, गठिया और अर्थराइटिस के मरीज़ों की हालत सबसे ज़्यादा खराब होती है। ठंड की वजह से जोड़ो का दर्द इतना बढ़ जाता है कि उठना बैठना भी दुभर हो जाता है। ऐसे में सबसे ज़रूरी है ठंड में आप अपना बचाव कैसे करें। आयुर्वेद में ऐसे कई ऑयल का ज़िक्र है जिनसे मालिश करने पर जॉइंट्स के दर्द को तुरंत आराम मिलता है। इन तेलों का इस्तेमाल जोड़ों के दर्द कम होता है। चलिए हम आपको बताते हैं वे तेल कौन से हैं।
- सरसों का तेल - सरसों का तेल हड्डियों के असहनीय दर्द को कम करने में बेहद मददगार हैं। इस तेल से जॉइंट्स पर मसाज कर पुराने से पुराने दर्द को कम किया जा सकता है। जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए सरसों के तेल से मसाज के बाद गर्म पानी की थैली से सिकाई की जा सकती है। मसाज के बाद सिकाई करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार होता है।
- अरंडी के तेल - अरंडी के तेल से मालिश करने से जोड़ों का दर्द कम होता है और सूजन की भी परेशानी कम होती है। इस तेल से मालिश करने से शरीर का दर्द धीरे-धीरे गायब हो जाता है।
- कपूर तेल - कपूर या कपूर में एंटी-आर्थराइटिस और एंटी फ्लॉजिस्टिक गुण होते हैं जो न केवल दर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं बल्कि ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार करते हैं। ठंड के मौसम में ही नहीं बल्कि हमेशा अगर आप इस तेल से मसाज करते हैं तो आपके जोड़ों का दर्द कुछ ही दिनों में गायब हो जायेगा।
- तिल का तेल -एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर तिल के तेल को आयुर्वेद में बेहद लाभकारी बताया गया है। तिल के तेल से मसाज करने पर सिर्फ जोड़ों का दर्द कम नहीं होगा बल्कि मांसपेशियां भी मजबूत होंगी। साथ ही बॉडी के सूजन को भी कम करता है।
- अलसी का तेल - अलसी का तेल कई सारे स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। यह जोड़ों के सूजन को कम करने में बेहद असरदार है। अगर आपके जॉइंट्स में बहुत ज़्यादा दर्द है तो आप इस तेल को नियमित रूप से लगाना शुरू करें।