अनहेल्दी लाइफस्टाइल का सबसे ज्यादा असर हुमाइर सेहत पर पड़ता है। एक्सरसाइज़ के साथ खाने-पीने में बरती गई लापरवाही लिवर की बीमारी पैदा करती है।इन कारणों से फैटी लीवर और लिवर फेल होने का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में अगर आपको लीवर या आंत संबंधी समस्या है और आप आयुर्वेद से इसका इलाज करना चाहते हैं, तो इन तीन जड़ी बूटी को अपनी डाइट में शामिल करें। सही जीवनशैली और डाइट के साथ ये जड़ी-बूटियाँ आपके लिवर को हेल्दी बनाने में कारगर हैं।
हल्दी लिवर के लिए इन जड़ी बूटियों का करें इस्तेमाल:
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पुनर्नवा: पुनर्नवा एक एंटी इन्फ्लामेट्री जड़ी-बूटी है। पुनर्नवा लिवर की कोशिकाओं से विषैले पदार्थों को निकालकर लिवर के काम को सही करने में मदद करता है। ऐसा इसके प्यूरिफिकेशन और मूत्रवर्धक गुणों के कारण होता है। यह अपने भूख बढ़ाने वाल गुण के कारण पाचन अग्नि को बेहतर बनाने में भी मदद करता है।
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कैसे करें इस्तेमाल: इसका सबसे ज़्यादा इस्तेमाल काढ़े के रूप में किया जाता है: जड़ी-बूटी के मोटे चूर्ण का 1 बड़ा चम्मच (10 ग्राम) 2 कप पानी में तब तक उबाला जाता है जब तक कि यह आधा न रह जाए, फिर इसे छानकर पीया जाता है।
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भूमि आंवला: भूमि आंवला शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर शरीर को कभी-कभार होने वाली सूजन या तनाव को कम करती है।क्योंकि ये चीज़ें लिवर को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा, यह लिवर में प्राकृतिक रूप से विषाक्त पदार्थों को हटाने को बढ़ावा देता है। ये सभी क्रियाएँ लिवर के स्वास्थ्य और कामकाज को बढ़ावा देती हैं।
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कैसे करें इस्तेमाल: आधा चम्मच भूमि आंवला पाउडर को खाली पेट या भोजन के 2 घंटे बाद गर्म पानी के साथ सेवन किया जा सकता है।
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भृंगराज: भृंगराज एक बेहतरीन जड़ी बूटी है जिसका उपयोग लीवर के विकारों जैसे कि लीवर का बढ़ना, फैटी लीवर और पीलिया को ठीक करने के लिए लीवर टॉनिक के रूप में किया जा सकता है। यह पित्त को संतुलित करके और पित्त प्रवाह को बढ़ावा देकर काम करता है।
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कैसे करें इस्तेमाल:: 1/4 से 1/2 चम्मच दिन में एक बार/दो बार भोजन से पहले/बाद में गर्म पानी के साथ लें।