सर्दियों के मौसम में अगर आप खाने पीन का ढंग से ध्यान न रखें तो यूरिक एसिड और अर्थराइटिस की समस्या को बढ़ते देर नहीं लगती। गठिया या अर्थराइटिस में जोड़ों का दर्द असहनीय हो जाता है। दरअसल आजकल खराब लाइफस्टाइल की वजह से लोग आर्थराइटिस जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। आर्थराइटिस होने पर उठने बैठने में परेशानी होने लगती हैं। ऐसे में आपको खानपान का खास ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें खाने से जोड़ों में दर्द की समस्या और बढ़ जाती है।
इन चीज़ों का सेवन करने से बचें
- ठंडी चीजों से रहें दूर: सर्दी के मौसम में अर्थराइटिस के मरीज़ों को ठंडी चीजों से परहेज करना चाहिए। इन चीजों का सेवन करने से आपकी समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है। ये ठंडी चीजें हैं- दही, ठंडा छाछ, आइसक्रीम और कुल्फी और बर्फ।
- प्रोटीन वाली चीजें न खाएं: जिन खाद्य पदार्थों में प्रोटीन ज़्यादा होता है आप उसका सेवन कम से कम करें। प्रोटीन युक्त चीजों को खाने से अर्थराइटिस के मरीजों की समस्या और भी बढ़ सकती है।
- ग्लूटेन युक्त फूड्स: अगर आप अर्थराइटिस के मरीज हैं तो सर्दियों में भूलकर भी ग्लूटेन युक्त खाद पदार्थ का सेवन न करें। हाल ही में हुए सर्वे के अनुसार ग्लूटेन युक्त फूड का सेवन करने से जोड़ों में सूजन और दर्द तेजी से बढ़ता है।
- शुगरी ड्रिंक्स: अर्थराइटिस और गठिया के मरीजों को शुगरी ड्रिंक्स जैसे सोडा, कोक का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। ये फ्रुक्टोज युक्त पेय आपके लिए किसी ज़हर से कम नहीं होते हैं। इन्हें पीने से यूरिक एसिड भी बढ़ता है.
- रेड मीट और फ्राइड चीजें: रेड मीट में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है। साथ ही सैचुरेटेड फैट भी होता है। जिसकी वजह से उच्च कोलेस्ट्रॉल और इन्फ्लेमेशन का कारण बन सकता है। अगर आप जोड़ों के दर्द की समस्या को और बढ़ाना नहीं चाहते तो रेड मीट और फ्राइड चीजों से दूरी बना लें।
- प्रोसेस्ड फूड: प्रोसेस्ड और पैक्ड फूड को सर्दियों में तो क्या किसी भी मौसम में नहीं खाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इन पैक्ड फूड को लंबे वक्त तक प्रिजर्व करने के लिए ट्रांस फैट का इस्तेमाल किया जाता है। यही ट्रांस फैट इन्फ्लेमेशन को ट्रिगर कर सकता है।
- कॉफी: आर्थराइटिस फाउंडेशन (एएफ) के अनुसार, यह स्पष्ट नहीं है कि कॉफी गठिया से पीड़ित लोगों के लिए अच्छी है या नहीं। एक ओर, इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। दूसरी ओर, लोगों को कैफीन की मात्रा का ध्यान रखना चाहिए। लेकिन आपको दिनभर में 1 कप से ज़्यादा कोफ़ी नहीं पीना चाहिए सतह ही इसमें शुगर की मात्रा जितनी कम होगी उतना बेहतर होगा।