इन दिनों देश दुनिया में कैंसर के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा ही रहे हैं। अगर सही समय पर कैंसर का पता न चले तो मरीजों की मौत भी हो सकती है। कैंसर कई प्रकार के होते हैं, जो शरीर के कई अंगों को प्रभावित करते हैं। बिगड़ती हुई लाइफस्टाइल और गलत खानपान व्यक्ति को कैंसर का शिकार बनाती है। ऐसे में कैंसर से बचाव के लिए डाइट का ख़ास ख्याल रखना चाहिए। कुछ चीजों का सेवन कैंसर से बचाव करने में मदद करती है। नोएडा स्थित Fortis Hospital में Senior Consultant-Oncology डॉ. अनीता मलिक हमें बता रही हैं कि कैंसर से बचाव के लिए आपको अपनी डाइट में किन चीज़ों को शामिल करना चाहिए?
कैंसर के खतरे को कम करते हैं ये फूड्स
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ब्रैसिकास सब्जियां: ब्रोकोली, फूलगोभी और ब्रैसिकास सब्जियां कैंसर से लड़ने वाले गुणों के लिए प्रसिद्ध हैं। इनमें ग्लूकोसाइनोलेट्स होते हैं, जिन्हें शरीर आइसोथियोसाइनेट्स में बदल देता है। नियमित रूप से क्रूसिफेरस सब्जियां खाने से कोलोरेक्टल, फेफड़े और स्तन कैंसर जैसे कैंसर का खतरा कम हो सकता है।
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बेरीज: ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, रास्पबेरी और ब्लैकबेरी सहित बेरीज एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन सी और एलाजिक एसिड से भरपूर होते हैं। ये कम्पाउंड सेल्स को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं, जिससे कैंसर हो सकता है। जामुन में काफी मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो कैंसर के जोखिम को कम कर सकती है।
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हरी पत्तेदार सब्जियां: पालक और अन्य पत्तेदार सब्जियों में भरपूर मात्रा में विटामिन, मिनिरल्स और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. इन हरी सब्जियों में ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन सहित कैरोटीनॉयड पाए जाते हैं जो फेफड़ों के कैंसर से बचाते हैं। इसके अतिरिक्त, इन सब्जियों में फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो स्वस्थ पाचन तंत्र को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
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टमाटर: टमाटर लाइकोपीन से भरपूर है यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। लाइकोपीन को प्रोस्टेट कैंसर के कम जोखिम को कम करता है और यह फेफड़े और पेट के कैंसर में भी फायदेमंद है।
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लहसुन: लहसुन में सल्फर कंपाउंड होते हैं जो कैंसर के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता को एक्टिव करते हैं। ये कम्पाउंड कैंसर सेल्स और कार्सिनोजेन्स के निर्माण को रोकते हैं। लहसुन का नियमित सेवन कोलोरेक्टल, पेट और एसोफैजियल जैसे कैंसर के खतरे को कम करता हैं।
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साबुत अनाज: ओट्स, ब्राउन राइस, क्विनोआ और साबुत गेहूं जैसे साबुत अनाज में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो स्वस्थ पाचन तंत्र को बनाए रखने और कोलोरेक्टल कैंसर को रोकने में कारगर हैं। साबुत अनाज में एंटीऑक्सीडेंट और फाइटोएस्ट्रोजेन भी होते हैं, जो स्तन कैंसर और अन्य हार्मोन संबंधी कैंसर को कंट्रोल करते हैं.
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ग्रीन टी: ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट है जो कैंसर कोशिका और ट्यूमर के गांठ को रोकता है। ग्रीन टी के नियमित सेवन से कई प्रकार के कैंसर का जोखिम कम होता है, जिसमें स्तन, प्रोस्टेट और कोलोरेक्टल कैंसर शामिल हैं।
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वसायुक्त मछली: सैल्मन, मैकेरल और सार्डिन जैसी मछलियों में ओमेगा 3 फैटी एसिड अधिक होता है, जिसमें सूजन रोधी गुण होते हैं और ये कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, वसायुक्त मछली में पाया जाने वाला विटामिन डी कोशिका वृद्धि को नियंत्रित करने और कैंसर के विकास के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।