महिलायें अपने परिवार और बच्चों का खूब ख़्याल रखती हैं लेकिन जब बारी ख़ुद की आती है तो वो लापरवाह हो जाती हैं। ऐसे में उनका शरीर कब धीरे-धीरे बीमारियों का घर बन जाता है। आज हम आपको कुछ ऐसी बीमारियों के बारे में बताएँगे जिन्हें महिलाओं के लिए साइलेंट किलर कहा गया है।ये बीमारियां महिलाओं के शरीर में तेज़ी से बढ़ती चली जाती हैं, लेकिन इनके लक्षण दिखाई नहीं देते और अगर दिखते भी हैं तो इन्हें अक्सर सामान्य समस्या समझकर नजरअंदज कर दिया जाता है। चलिए आपको बताते हैं महिलाओं में कौन-कौन सी बीमारियां 'साइलेंट किलर' होती हैं
इन बीमारियों का हो सकती हैं शिकार:
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खून की कमी: एनीमिया एक ऐसी बीमारी है जो महिलाओं में बहुत ज़्यादा होती है। इस बीमारी में खून की किमी होने एलगीटी है। इससे जूझ रही महिलाओं में त्वचा का पीला पड़ना, चक्कर आना, थकान, सांस फूलना, सिर घूमना, और दिल की धड़कन तेज हो जाती है। एनीमिया से बचने के लिए अपनी डाइट में आयरन, विटामिन C और फोलेट से भरपूर भोजन का सेवन करें।
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पीसीओडी की शिकार: पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओडी) का शिकार इन दिनों ज़्यादार महिलायें हो रही हैं। महिलाओं में यह समस्या हार्मोनल इम्बैलेंस की वजह से होती है। इस बीमारी में महिलाओं का पीरियड साइकिल बिगड़ जाता है। मोटापा बढ़ने पर यह परेशानी ज़्यादा बढ़ जाती है। हेयर फॉल , स्किन पर पिम्पल्स और बढ़ता मोटापा इसके सामान्य लक्षण हैं।
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मेनोपॉज में होती है परेशानी: महिलाओं में मेनोपॉज की शुरुआत 42 वर्ष के बाद शुरू होता है। यह उनकी ज़िंदगी का ऐसा पड़ाव होता है, जिससे हर महिला को सामना करना पड़ता है। मेनोपोज़ के दौरान महिलाओं के परियड्स बंद हो जाते हैं।मेनोपॉज की वजह से फीमेल हार्मोन एस्ट्रोजन काफ़ी कम हो जाता है।
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हड्डियों का कमजोर होना: जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है उनकी हड्डियाँ कमजोर होने लगती हैं। हड्डियों की मजबूती बनाए रखने के लिए कैल्शियम और आयरन का सेवन करना चाहिए। धूप के साथ दूध, दही या पनीर कैल्शियम की कमी को पूरा करन के लिए बेहतरीन सोर्स माने जाते हैं।