पसीना गर्मियों से जुड़ी चीज है। पसीना आने की कुछ परिस्थितियां होती है। मसलन गर्मियों में या फिर कड़ी मेहनत या एक्सरसाइज के दौरान पसीना आना सामान्य बात है। लेकिन अगर क़ड़ाके की सर्दी में बिना एक्सरसाइज के भी आपको पसीना आ रहा है तो संभल जाने की जरूरत है। आइए जानते हैं कि सर्दी में भी पसीना आए तो किस बीमारी के संकेत हो सकते हैं।
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लो ब्लड प्रेशर -सर्दी में पसीना आ रहा है तो ये लो ब्लड प्रेशर का संकेत हो सकता है। निन्म रक्तचाप के कारण हार्ट अटैक हो सकता है। दरअसल सर्दियों में लो ब्लड प्रेशर के चलते हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली धमनियों में कैल्शियम की मात्रा अधिक होने पर वह बंद होने लगती है। ऐसे में रोगी को पसीना आता है और हार्ट रेट बढ़ जाता है। इस स्थिति में तुरंत डाक्टर को दिखाना चाहिए नहीं तो हार्ट अटैक का खतरा हो जाता है।
हाइपरहाइड्रोसिस - ये एक ऐसी बीमारी है जिसमें रोगी को किसी भी मौसम में अत्यधिक पसीना आता है। हाइपरहाइड्रोसिस बीमारी के दौरान सर्दियों में भी चेहरे के साथ साथ हथेलियों और तलवों में अधिक पसीना आता है। यूं तो शरीर से पसीना आने से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है। लेकिन यदि कोई व्यक्ति हाइपरहाइड्रोसिस का शिकार हैं तो उसे सर्दियों में भी हथेलियों और तलवों से पसीना आएगा।
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लो शुगर लेवल - अगर ठंड में पसीना आ रहा है तो इसका कारण शरीर में शुगर के लेवल की कमी होना भी हो सकता है। सामान्य व्यक्ति का नार्मल शुगर लेवल खाली पेट 1 डेसीलीटर खून में तक़रीबन 70 से 100 मिलीग्राम होना चाहिए। लेकिन इससे कम होने पर पसीना आना शुर हो जाता है जिससे संकेत मिलता है कि शरीर में शुगर घट रही है। यह स्थिति शुगर के मरीज के लिए खतरनाक होती है।
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मैनोपॉज -उम्र दराज यानी पचास साल के आस पास की महिलाओं के साथ अगर सर्दियों में पसीना निकलने की स्थिति बन रही है तो ये उनके मैनोपॉज के संकेत हो सकते हैं। दरअसल मैनोपॉज की शुरूआत में हारमोनल गतिविधियों के चलते ज्यादा पसीना आता है।
मोटापा - जी हां, ये भी एक बड़ी वजह है जिसके चलते सर्दियों में भी लोगों को पसीना आता है। शरीर में ज्यादा कोलेस्ट्रोल भी इसका एक कारण हो सकता है।