कोरोना वैक्सीनेशन की पहल देश के अंदर शुरू हो गई है। सरकार की तरह से ज्यादा उम्र के लोगों को इसके लिए वरीयता दी जा रही है, यानी जिनकी उम्र ज्यादा है उन्हें पहले वैक्सीन लगाई जाए। वैक्सीनेशन के इस चरण में इन दिनों उन लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है, जिनकी उम्र 45 साल या उससे ज्यादा है।
नए कोरोना स्ट्रेन के मद्देनजर एक्सपर्ट ऐसा बताते हैं कि यह स्ट्रेन यंग लोगों में ज्यादा फैल रहा है। नवजवान व्यक्ति लगातार कोरोना के संपर्क में आ रहे हैं और पूरे परिवार में यह संक्रमण फैल रहा है।
इंडिया टीवी के खास प्रोग्राम स्वास्थ्य संवेलन में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन का कहना है कि वैक्सीन देने में जो उम्र का कैप लग रहा है, उसे हटा देना चाहिए क्योंकि यंग लोग बाहर जाते हैं और वायरस के संपर्क में आते, वे उन वायरस के साथ घर आते हैं जिससे उनकी फैमिली संक्रमित हो जाती है। इससे ज्यादा जरूरी है कि हर उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जाए, ताकी ये संक्रमण घर के लोगों को ना फैले।
सतेंद्र जैन का मानना था कि घर-घर जाकर इस प्रक्रिया को पूरी करनी चाहिए, ताकी ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सनी लगाई जा सके।
मगर घर-घर जाकर वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सही नहीं मानते हैं। उनके मुताबिक यह एक जटिव प्रक्रिया है।
स्वास्थ्य संवेलन में मनोहर लाल खट्टर ने कहा, ''पोलियो ड्राप्स घर-घर जाकर बच्चे को दिया जा सकता है, लेकिन कोरोना वैक्सीन का इंजेक्शन लगाता है, तो इसे एक एक्सपर्ट व्यक्ति ही लगा सकता है। ऊपर से वैक्सीन देने के बाद व्यक्ति को 45 मिनट तक ऑब्जरवेशन में रखना जरूरी है। ऐसे में जितनी सावधानियां चाहिए वे घर पर संभव नहीं है सेंटर पर ही संभव है।''