पूरी भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने कहर मचाया हुआ है। कोरोना संक्रमण के कारण भारतवासी परेशान है। कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर के मुकाबले ज्यादा तेजी से फैल रही है। हर दिन कोरोना के रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे हालातों में इंडिया टीवी ने लोगों के सवालों और उनके मन में उठने वाले संशय को दूर करने के लिए स्वास्थ्य सम्मेलन का आयोजन किया है। जिसमें देश और दुनिया के नामी डॉक्टर शिरकत कर रहे हैं।
देश के अंदर फैल रहा कोरोना वायरस का दूसरा स्ट्रेन खासतौर पर बच्चों को अपना शिकार बना रहा है। एक आंकड़े के मुताबिक पिछले 2 महीने में देश के अंदर 80 हजार से भी ज्यादा बच्चे करोना संक्रमित हुए हैं। दिल्ली में 8 महीने से लेकर 12 साल के बच्चों में इसका इंस्पेक्शन दिखाई दे रहा है। हरियाणा में जहां 1 फ़ीसदी बच्चों के अंदर करोना का संक्रमण था वहीं अब 8 फ़ीसदी बच्चे कोरोना संक्रमित हो गए हैं।
Swasthya Sammelan: कोरोना के बदले स्ट्रेन का खतरा टालने के लिए डबल मास्किंग है जरूरी, एक्सपर्ट्स से जानें
ये आंकड़े बताते हैं कि कोरोना वायरस के बदले स्ट्रेन की वजह से बच्चे तेजी से संक्रमित पाए जा रहे हैं।
इंडिया टीवी के खास कार्यक्रम स्वास्थ्य सम्मेलन में अमेरिका से जुड़े डॉ। रवि गोडसे ने बताया कि बच्चों के अंदर कोरोनावायरस का खतरा यूनाइटेड किंगडम के म्यूटेटेड वायरस b117 की वजह से देखा जा रहा है। डॉक्टर गोडसे बताते हैं कि यह बदला स्ट्रेन 60% ज्यादा घातक है। उनका मानना है कि चूंकि बच्चों की इम्युनिटी बेहतर होने की वजह से वायरस के अटैक के बाद भी वे सीरियसली बीमार नहीं पढ़ रहे हैं।
डॉक्टर गोडसे से मानते हैं कि भारत के अंदर हर्ड इम्यूनिटी पहले से बेहतर परफॉर्म कर रही है।
उन्होंने कहा, ''बच्चे यदि इस बीमारी से ऊबर जा रहे हैं तो हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि बच्चों के अंदर कोरोनावायरस के बदले स्ट्रेन से लड़ने की क्षमता प्रबल हो चुकी है। यह परिस्थिति भारत के अंदर बेहतर मोर्टालिटी रेट को दर्शाती है।''
डॉक्टर गोडसे ने कहा है कि यूनाइटेड किंग्डम के म्यूटेटेड वायरस b117 चूंकी ज्यादा तेजी से लोगों में फैल रहा है लेकिन पुराने स्ट्रेन के मुकाबले, यदि इसके स्टैट्स पर इसको आंके तो यह उतना खतरनाक नहीं है। मगर फिर भी हमें इस वायरस से बच्चों को एहतियातन बचाने की जरूरत है। इसका एकमात्र उपाय वैक्सीनेशन है।
बच्चे को हो गया है कोरोना तो क्या करें?
बिना डॉक्टर के सलाह कोई दवा जैसे एंटी वायरल ड्रग्स, स्टेरायड्स, एंटीबायोटिक आदि न दें। इसके साथ ही बुजुर्गों से दूर रखें।
- संक्रमित से बच्चों को दूर रखें
- बच्चों को मास्क पहनाएं
- घर से बाहर खेलने न भेजें
- फंक्शन से बच्चों को दूर रखें
- स्वीमिंग क्लासेज से दूरी
- शॉपिंग मॉल ले जाने से बचें
- भीड़-बाजार में न ले जाएं
- अगर आपके बच्चे में कोई भी कोरोना के लक्षण नजर आते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें।
- अपने आप बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी टेस्ट, थेरेपी या फिर दवा का सेवन न कराएं।
- डॉ तुषार मनियार के अनुसार, बच्चों को विटामिन डी दें। इसके अलावा कोई भी जिंक, विटामिन सी या मल्टीविटामिन न दें। जैसे बड़े लोग एंटी बायोटिक जैसे कई दवाएं लेते है। लेकिन यह दवाएं 15 साल के नीचे के बच्चों को नहीं देना चाहिए। इससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
- डॉ झुमा शंकर के अनुसार घर पर बना हुआ खाना बच्चों को खिलाएं। इसके साथ ही फलों और सब्जियों का सेवन अधिक कराएं। अगर बच्चा बाहर के खाने के लिए जिद करता है तो उसे समझाए कि इस समय वो फूड उनके लिए कितना खतरनाक है।
- डॉ रवि मलिक के अनुसार बच्चों को इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए मल्टी विटामिन दे सकते हैं। लेकिन कोई कोई विटामिन ज्यादा देने से बचे।