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कोरोना काल में योगासन के जरिए फेफड़ों को बनाएं मजबूत, स्वामी रामदेव से सीखिए

स्वामी रामदेव ने बताया है कि योग के जरिए कैसे इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही कैसे फेफड़ों को इतना मजबूत बनाएं कि सांस लेने की समस्या दूर हो सके।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: June 28, 2020 11:07 IST

इस समय पूरा देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है। ये घातक महामारी फेफड़ों को बहुत प्रभावित करती है। ऐसे में स्वामी रामदेव ने इंडिया टीवी के स्पेशल प्रोग्राम में बताया है कि योग के जरिए कैसे इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही कैसे फेफड़ों को इतना मजबूत बनाएं कि सांस लेने की समस्या दूर हो सके। स्वामी रामदेव ने बताया कि अभ्यंतर प्राणायाम इसमें बहुत कारगर है। आपको एक मिनट तक अपनी सांस रोककर रखनी है। अगर आप ऐसा कर ले रहे हैं तो आपके फेफड़े स्वस्थ हैं। इसके अलावा अनुलोम विलोम, शीतकारी प्राणायाम और कपालभाति जरूर करना चाहिए। इनसे तनाव और डिप्रेशन से भी छुटकारा मिलता है। एकाग्रता बढ़ती है। इम्यून सिस्टम बेहतर होता है। ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। 

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कपालभाति

कपालभाति को करने के लिए सबसे पहले सुखासन में बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें।
अब दोनों नथुना से गहरी सांस भीतर की ओर लें। 
अब सांस को बाहर की तरफ छोड़ दें। 
इस बात का ध्यान रहे कि सांस को बल पूर्वक बाहर निकालना है और आराम से भीतर लेना है। इस तरह से कम से कम 20 बार ऐसा करें। 

कपालभाति के फायदे 

  • रोजाना सुबह शाम कपालभाति करने से हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को दूर किया जा सकता है।
  • मन को शांत रखता है।
  • थायराइड की समस्या से निजात दिलाता है।

अनुलोम विलोम

  • सबसे पहले आराम से बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। ध्यान रहे कि इस मुद्रा में आपकी रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी होनी चाहिए।
  • अब बाएं हाथ की हथेली को ज्ञान की मुद्रा में बाएं घुटने पर रखें। 
  • इसके बाद दाएं हाथ की अनामिका यानि कि हाथ की सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नथुना पर रखें। अब अंगूठे को दाएं वाले नथुना पर लगा लें। इसके बाद तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। 
  • अब बाएं नथुना से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। 
  • फौरन ही दाएं नथुना से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। 
  • अब दाएं नथुना से सांस भरें और अंगूठे से उसे बंद कर दें। 
  • इस सांस को बाएं नथुना से बाहर निकाल दें। अनुलोम विलोम का यह पूरा एक राउंड हुआ। इसी तरह के कम से कम 5 बार ऐसा करें। 

अनुलोम विलोम के फायदे

  • तनाव को कम करता है।
  • कफ से संबंधित समस्या को दूर करता है। 
  • मन को शांत करता है जिससे एकाग्रता बढ़ती है।  
  • दिल को स्वस्थ रखता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है।

भस्त्रिका

  • इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में सांस ले और 5 सेकंड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें। 
  • तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े।  
  • इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें।

फायदे

  • इस प्राणायाम को रोजाना करने से हाइपरटेंशन, अस्थमा, हार्ट संबंधी बीमारी, टीवी, ट्यूमर, बीपी,  लिवर सिरोसिस, साइनस, किसी भी तरह की एनर्जी और फेफड़ों के लिए अच्छा माना जाता है। 
  • भस्त्रिका करने से शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ जाता है। जिसके कारण कैंसर की कोशिकाएं मर जाती हैं।

भ्रामरी प्राणायाम

  • इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। 
  • अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। 
  • सांस भरकर पहले अपनी उंगुलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 उंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। 
  • अंगूठे से कान को बंद करते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। 
  • इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है। 

फायदे
इस आसन को करने से तनाव से मुक्ति के साथ मन शांत रहेगा। ​​

उद्गीथ प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं और शांत मन से 'ऊं' के उच्चारण करते हैं। 

फायदे
इस प्राणायाम को करने से पित्त रोग, धातु रोग, उच्च रक्तताप जैसे रोगो से निजात मिलता है।

शीतकारी प्राणायाम
इस प्राणायाम में होंठ खुले, दांत बंद करें। दांत के पीछे जीभ लगाकर, दांतो से धीमे से सांस सांस अंदर लें और मुंह बंद करें। थोड़ी देर रोकने के बाद दाएं नाक से हवा बाहर निकाल लें और बाएं से हवा अंदर लें।

फायदे

इस आसन को करने से तनाव, हाइपरटेंशन से निजात मिलता है। इसके साथ ही अधिक मात्रा में ऑक्सीजन अंदर जाती है।  

सूर्य नमस्कार के फायदे

  • स्वामी रामदेव के अनुसार सूर्य नमस्कार करने से आप हर तरह की बीमारियों से कोसों दूर रहेंगे। 
  • पाचन तंत्र ठीक रहता है। जिसके कारण आप कब्ज, अपच या पेट संबंधी अन्य समस्याएं नहीं होती है। 
  • शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ा देता है। जिससे शरीर से विषाक्त तत्व आसानी से बाहर निकल जाते हैं। 
  • हड्डियों की होने वाली हर समस्या से निजात दिलाता है। 
  • वजन को कम करने में मदद करता है। 
  • हमेशा आपको जवां रखता है। 
  • हार्ट, फेफड़ों आदि को हेल्दी रखता है। 

मंडूकासन के फायदे

  • मंडूकासन करने से रीढ की हड्डी मजबूत होती है। 
  • इसे करने से मानसिक तनाव से छुटकारा मिलेगा।
  • जो लोग अपने वजन से परेशान हैं, इसे करने से उन्हें भी फायदा होगा।

त्रिकोणासन

  • इस आसन को करने से गर्दन, पीठ, कमर मजबूत होती है। 
  • शरीर का संतुलन ठीक रहता है।
  • पाचन प्रक्रिया ठीक रहती है। 
  • एसिडिटी से छुटकारा मिलेगा।
  • चर्बी दूर करने में मददगार।

नौकासन

  • एब्स की मसल्स को मजबूत करता है।
  • स्पाइन की मसल्स को स्ट्रेच करता है और स्पाइन की नसों को मजबूती देता है।
  • पीठ को भी मजबूती देता है।
  • पूरे शरीर के एलाइनमेंट को सुधारता है।

स्वामी रामदेव ने इम्यूनिटी बूस्टर एक काढ़ा भी बताया है। जानिए काढ़ा बनाने का तरीका क्या है..

घर पर ऐसे बनाएं आयुर्वेदिक काढ़ा

गिलोय को काटकर रात में भिगोकर रख दें। सुबह इसे कूट लें। इसमें तीन काली मिर्चा का चूर्ण मिला लें। एक गांठ हल्दी, एक गांठ अदरक, तुलसी के 5-6 पत्ते, 2 चुटकी सोंठ, दालचीनी, मुलैठी, अश्वगंधा को मिलाकर फिर अच्छी तरह से कूट लें। इसके बाद पानी में 2-3 मिनट तक उबाल लें। इससे सर्दी, जुकाम, कफ दूर होगा। इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होगा और कोरोना भी दूर भाग जाएगा।

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