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अल्सर, कोलाइटिस से हैं परेशान तो अपनाएं स्वामी रामदेव का ये 'पाचन फॉर्मूला', पेट संबंधी हर बीमारी से दिला देगा छुटकारा

अल्सर, कोलाइटिस कई बीमारियां पेट को परेशान करती हैं। स्वामी रामदेव के अनुसार अगर योगासन रोजाना करें तो उससे पेट से संबंधित सभी बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: July 07, 2020 11:11 IST
Swami Ramdev- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV अल्सर, कोलाइटिस से हैं परेशान तो अपनाएं स्वामी रामदेव का ये 'पॉचन फॉर्मूला', पेट संबंधी हर बीमारी से दिला देगा छुटकारा 

हाजमा दुरुस्त करने का सबसे अच्छा साधन है योग। अल्सर कोलाइटिस कई बीमारियां पेट को परेशान करती हैं। योग करने से पाचन तंत्र अच्छा होगा साथ ही किसी तरह की बीमारी नहीं होगी। स्वामी रामदेव ने पेट से संबंधित समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए योग द्वारा कुछ पाचन फॉर्मूला बताए हैं। स्वामी रामदेव के अनुसार अगर कोई इसे रोजाना करें तो उसकी पेट से संबंधित सभी बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा। 

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मंडूकासन

  • मंडूक का अर्थ है मेंढक अर्थात इस आसन को करते वक्त मेंढक के आकार जैसी स्थिति प्रतीत होती इसीलिए इसे मंडूकासन कहते हैं
  • डायबिटीज ,कोलाइटिस को कंट्रोल करे।
  • इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।
  • कब्ज और गैस की समस्या करे खत्म
  • पाचन तंत्र को करे सही
  • लिवर, किडनी को रखें स्वस्थ्य
  • वजन घटाने में करें मदद।

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शशकासन

  • डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी।
  • थकान को भगाकर एनर्जी दें।
  • मोटापा कम करने में मददगार।
  • लिवर, किडनी रोग के लिए फायदेमंद।
  • तनाव और चिंता को करे कम।
  • क्रोध, चिड़चिड़ापन से दिलाएं निजात।
  • मानसिक रोगों के लिए फायदेमंद।

योगमुद्रासन

  • डायबिटीज से दिलाएं निजात
  • पेट से जुड़े रोगों से दिलाएं निजात
  • वजन घटाने में मदद मिलती है
  • रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाएं।
  • पाचन तंत्र को रखें फिट।
  • मन और शरीर को रखें शांत

वक्रासन

  • वक्रासन बैठ कर किए जाने वाले आसनों में एक महत्वपूर्ण आसन है। वक्रासन 'वक्र' शब्द से निकला है जिसका मतलब होता टेढ़ा। इस आसन में रीढ़ टेढ़ी या मुड़ी हुई होती है, इसीलिए इसका यह नाम वक्रासन रखा गया है।  
  • फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाए।
  • किडनी, लवर को रखें हेल्दी।
  • पेट की चर्बी को करें कम।
  • ब्लड शुगर को करे कंट्रोल।

पवनमुक्तासन

  • हार्ट को रखें हेल्दी
  • ब्लड सर्कुलेशन को करे ठीक
  • ब्लड शुगर को करे कंट्रोल
  • पेट की चर्बी को करे कम
  • आंखों की रोशनी को बढ़ाए।

गोमुखासन

  • इससे पैंक्रियाज एक्टिव होता है। 
  • लिवर और किडनी के लिए लाभकारी
  • रीढ़ की हड्डी को करें मजबूत
  • शरीर का पॉश्चर ठीक करें।
  • डायबिटीज को कंट्रोल करने में करें मदद।

नौकासन

  • वजन घटाने में मदद मिलती है
  • पेट, कमर को सुडौल बनाता है
  • किडनी की क्षमता को बढ़ाता है
  • रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
  • ये आसन डायबिटीज से बचाता है
  • पाचन शक्ति को ठीक करता है

प्राणायाम भी होंगे फायदेमंद

कपालभाति

  • रोजाना सुबह शाम कपालभाति करने से हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को दूर किया जा सकता है।
  • मन को शांत रखता है।
  • थायराइड की समस्या दूर से निजात दिलाता है।
  • सिगरेट की लत से छुड़ाने में मददगार है कपालभाति।
  • जिन लोगों को सिगरेट पीने की लत हो जाती है तो उनके फेफड़े ब्लॉक हो जाते हैं। कपालभाति की मदद से फेफड़े की ब्लॉकेज को सही कर सकता है।
  • कपालभाति से क्रॉनिक लिवर, क्रॉनिक किडनी और फैटी लिवर की समस्या दूर होती है।
  • हैपेटाइटिस की समस्या को भी कपालभाति दूर करने में मददगार है।

अनुलोम विलोम

  • सबसे पहले आराम से बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। ध्यान रहे कि इस मुद्रा में आपकी रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी होनी चाहिए।
  • अब बाएं हाथ की हथेली को ज्ञान की मुद्रा में बाएं घुटने पर रखें। 
  • इसके बाद दाएं हाथ की अनामिका यानि कि हाथ की सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नथुना पर रखें। अब अंगूठे को दाएं वाले नथुना पर लगा लें। इसके बाद तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। 
  • अब बाएं नथुना से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। फौरन ही दाएं नथुना से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें।
  • अब दाएं नथुना से सांस भरें और अंगूठे से उसे बंद कर दें। इस सांस को बाएं नथुना से बाहर निकाल दें। अनुलोम विलोम का यह पूरा एक राउंड हुआ। इसी तरह के कम से कम 5 बार ऐसा करें। 

एसिडिटी में ऐसा करने से होगा लाभ

  • खाना न ज्यादा खाएं न ज्यादा कम
  • सुबह दही और दोपहर में छाछ पिएं
  • रात में खाने के एक घंटे बाद पानी पिएं
  • रात में खाने के एक घंटे बाद दूध पिएं
  • तरबूज, खरबूज खाकर पानी न पिएं
  • रात में दही और छाछ बिल्कुल न लें
  • पहले सलाद और फिर भोजन खाएं
  • खाना चबा चबाकर खाएं
  • दूध के साथ नमकीन चीजें न खाएं

पेट के रोग में कारगर एक्यूप्रेशर

  • पैर की पिडंलियों को दबाने से जबरदस्त लाभ होगा। खुद पैर की पिंडलियों को दबाएं। या फिर लेट जाएं और किसी और से पैरों या फिर हाथ से दबवाएं।
  • लिटिल फिंगर के नीचे के माउंट को दबाएं एसिडिटी से आराम मिलेगा।

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