बोझ को हल्का करना सीखिए। जिंदगी में हर घटना पर काबू पाना मुमकिन नहीं है लेकिन उसको लेकर अपना नजरिया बदलना हमारे हाथ में है। इससे पल भर में कई मुश्किलें आसान हो जाती हैं। अब एक नई स्टडी को ही ले लीजिए, जो ये कहती है अगर 60 किलोमीटर या उससे ऊपर की रफ्तार में गाड़ी चलाते हैं तो, रीढ़ की हड्डी के टूटने का खतरा बढ़ जाता है। दरअसल 40 KM/H की स्पीड में ड्राइविंग को सेफ माना जाता है। लेकिन, अगर गाड़ी की स्पीड इससे ज्यादा है तो, एक्सिडेंट होने पर, शरीर का फैट और मसल्स झटके को बर्दाश्त नहीं कर पाती है और इसका असर रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है।
साफ है जितनी ज्यादा स्पीड उतना ज्यादा खतरा रिपोर्ट के मुताबिक आप इसे इस तरह समझ सकते हैं। अगर दो गाड़ी 65 किलोमीटर की रफ्तार में चल रही हो और आमने-सामने से उसकी टक्कर हो जाती है तो उसमें सवाल लोगों के सीरियस स्पाइनल इंजरी का खतरा 85% तक बढ़ जाता है। और यही वजह है कि पिछले 25 साल में रीढ़ की हड्डी में चोट लगने का ग्राफ बदल गया है। पहले 70 परसेंट मामले ऊंचाई से गिरने या फिर दूसरी वजहों से आते थे और सिर्फ 30 फीसदी मामले मोटर एक्सिडेंट के होते थे। लेकिन अब ये बढ़कर 45 परसेंट हो गया है। वैसे ही देश के 80% लोग कंधे, पीठ और स्पाइन की किसी ना किसी परेशानी से जूझ रहे हैं। ऐसे में स्पाइनल हेल्थ का ख्याल रखना तो, बहुत ही जरुरी है।
बिल्कुल, कहने का मतलब ये कि वक्त के साथ अपना नजरिया बदलिए। जिंदगी की खूबसूरती को समझिए अपनी सेहत, अपने शरीर का ख्याल रखिए। योग-आयुर्वेद का कवच अपनाइए नहीं तो सेहत उस पत्ते की तरह है जो टूटने के बाद वापस अपनी जगह नहीं लग सकते।
स्पाइनल प्रॉब्लम वजह
गलत पॉश्चर में बैठना
लैपटॉप पर देर तक काम
स्मार्ट फोन का ज़्यादा इस्तेमाल
मोटापा
वर्कआउट ना करना
पहले 2020 वाला थोड़ा सा बढकर रुके, फिर 2050 वाला उपर तक जाकर रुके।
दुनिया में पीठदर्द
साल 2020 से साल 2050
63 करोड़
84 करोड़
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स्लिप डिस्क के स्टेज
फर्स्ट स्टेज
डिस्क की फ्लेक्सिबिलिटी
डिहाइड्रेट होना
डिस्क में कमजोरी आना
सेकंड स्टेज
डिस्क की रेशेदार परत टूटना
थर्ड स्टेज
न्यूक्लियस का
एक हिस्सा टूटना
फोर्थ स्टेज
स्पाइन में लिक्विड लीक होना
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कंधे का दर्द, कैसे दूर करें?
हल्दी दूध पिएं
हल्दी पेस्ट लगाएं।
शहद-अदरक का पेस्ट लें।
गर्म पानी और शहद पीएं
नारियल तेल लगाएं
सेंधा नमक से धोएं
सर्वाइकल पेन, कैसे पाएं छुटकारा
बैठते समय गर्दन को सीधा रखें
नरम गद्दे की जगह तख्त पर सोएं
विटामिन डी की जगह कैल्शियम डायट लें
हड्डियां मजबूत बनेंगी
हल्दी दूध लें
सेब का सिरका
अदरक की चाय लें
दालचीनी-शहद चाय लें
गठिया में फायदेमंद, मसाज थेरेपी
पीड़ांतक तेल
पिपरमिंट-नारियल तेल
यूकेलिप्टस ऑयल
तिल का तेल
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तिल का तेल
अजवाइन
हल्दी-लहसुन
मेथी-सौंठ
निर्गुंडी का पत्ता