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सूखी खांसी से होती है इस बीमारी की शुरुआत, स्वामी रामदेव से जानें कैसे करें अपना बचाव

टीबी का बैक्टीरिया लंबे वक्त तक शरीर में छिपकर रहता है और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को बढ़ावा देता है। ऐसे में स्वामी रामदेव के ये टिप्स कारगर तरीके से काम करते हैं, कैसे जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

Written By : Pankaj Kumar Edited By : Pallavi Kumari Published on: March 29, 2024 11:58 IST
tuberculosis patient - India TV Hindi
Image Source : SOCIAL tuberculosis patient

कोई भी जंग अकेले नहीं लड़ी जाती है। जीत तभी मुमकिन है जब सब एकजुट होकर मुकाबला करें और खासकर तब और होशियार होने की जरुरत होती है। जब दुश्मन चुपचाप हमला करने में माहिर हो पूरी दुनिया के लिए साइलेंट किलर साबित हो रहा हो। मतलब ये कि मिलकर लड़ने के इस मंत्र को अब ट्यूबरक्लोसिस पर आजमाना होगा क्योंकि भले आपकी नजर में टीबी मामूली बीमारी हो लेकिन दिनों दिन ये गंभीर और घातक बनती जा रही है।और इसकी कई वजहें सामने आई हैं। एक तो कोरोना के बाद लोगों की इम्यूनिटी कमजोर हुई है। लंग्स की कपैसिटी घटी है।

लेकिन जो सबसे बड़ी वजह है वो है 'ड्रग-रेजिस्टेंस' जिसकी वजह से टीबी के मामले बढ़ रहे हैं क्योंकि डॉक्टर्स को कई बार सिर्फ ये पता लगाने में महीनों लग जाते हैं कि--बीमार को टीबी की किस दवा से resistance है..इसकी वजह से ट्रीटमेंट देर से शुरु होती है और तब तक बैक्टीरिया को तेजी से फैलने का मौका मिल जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक बदलता लाइफ स्टाइल खाने-पीने की गलत आदत घर में ज्यादा वक्त बिताना भी टीबी दे रहा है और इसकी वजह से बच्चों में भी तेजी से टीबी संक्रमण बढ़ रहा है।

तभी तो हर साल मरीजों की संख्या बढ़ रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले चार साल में टीबी पेशेंट 16 लाख से बढ़कर  25 लाख तक पहुंच गए हैं लाखों लोग ऐसे हैं जिन्हें पता भी नहीं होता कि उन्हें टीबी है और ये चुनौती को गंभीर बना देता है।

बिल्कुल और इसकी एक वजह 'लेटेंट टीबी' भी है। होता ये है कि इसमें टीबी का बैक्टीरिया लंबे वक्त तक शरीर में छिपकर रहता है। उसके लक्षण भी दिखाई नहीं देते और जब इम्यूनिटी कमजोर होती है तब वो अपना असर दिखाता है। मतलब अचानक से कई साल बाद बॉडी ट्यूबरक्लोसिस की गिरफ्त में आ जाती है। तो चलिए, आज लोगों की इम्यूनिटी और लंग्स कपैसिटी को इतना मजबूत बनाते हैं कि साइलेंट किलर बन रहा टीबी बैक्टीरिया शरीर पर बुरा असर ना छोड़ सकें। 

टीबी के 6 लक्षण

सूखी खांसी

बलगम में खून
सीने में दर्द
सुस्ती-बेचैनी
भूख कम लगना
हल्का बुखार

लंग्स बनाएं मजबूत 

कच्ची हल्दी को दूध में पकाएं
हल्दी दूध में शिलाजीत मिलाएं
रोजाना हल्दी दूध पीना फायदेमंद

टीबी में कारगर 

लहसुन
तुलसी
नींबू
संतरा
पपीता
तरबूज
पालक 
अदरक
कच्ची हल्दी 

टीबी से निजात घरेलू इलाज

एक पका केला
1 कप नारियल पानी
आधा कप दही 
1 चम्मच शहद
सभी को मिलाएं
दिन में दो बार खाएं

टीबी में मोरिंगा रामबाण

रोज पत्तियों को उबालकर पीएं
सहजना की सब्जी खाएं

टीबी जानलेवा, संजीवनी आंवला 

आंवले का पाउडर
1 चम्मच शहद 
पेस्ट बनाकर खाएं
सुबह खाली पेट लें

पुदीना गुणकारी, टीबी पर भारी

1 चम्मच पुदीने का रस
2 चम्मच शहद
2 चम्मच सिरका
आधा कप गाजर जूससभी को मिलाएं, दिन में तीन बार पीएं

टीबी से निजात घरेलू इलाज

शहद -          200 ग्राम 
मिश्री -          200 ग्राम
गाय का घी - 100 ग्राम
सभी को मिलाएं
6-6 ग्राम बार-बार लें
गाय का दूध पीएं

टीबी से निजात, घरेलू इलाज

मुलेठी चबाएं
लौकी जूस पीएं
अखरोट-लहसुन 
घी में भूनकर लें

ट्यूबरक्लोसिस रखें अपना ख्याल

खाने में खिचड़ी लें
रोज दूध-पनीर खाएं
ताजे फल-सब्जियां लें
साबुत अनाज खाएं

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