Highlights
- स्वामी रामदेव से जानिए प्रेगनेंसी में स्वस्थ रहने के तरीके
- 9 महीनों में रखनी होती है खूब सावधानी
Swami Ramdev Tips for pregnant women: 'मां... पूरी कायनात इस लफ्ज़ में सिमट जाती है... बच्चों की जन्नत मां के कदमों में ही होती है।।' मां बनना ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत एहसास है। जिसे शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है, ये खुशी ज़िंदगी को एक नया मोड़ देती है। लेकिन मां बनने के सफर में कई तरह की मुश्किलें भी आती हैं। प्रेगनेंसी के नौ महीने किसी भी महिला के लिए आसान नहीं होते, इस दौरान उन्हें बॉडी और लाइफ रूटीन में कई तरह के चेंज और हेल्थ इश्यूज से रूबरू होना पड़ता है।
लापरवाही पड़ सकती है भारी
फिज़िकल और मेंटल प्रॉब्लम्स की बात करें तो चक्कर आना, पेट में दर्द होना, हाथ पैर में स्वेलिंग आना और मूड स्विंग्स से हर प्रेगनेंट महिला को जूझना पड़ता है। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान हर छोटी से छोटी चीज़ का ख्याल रखना चाहिए। क्योंकि ज़रा सी लापरवाही आपके शरीर में डेफिशियंसी या थायराइड, शुगर, PCOD जैसी किसी गंभीर बीमारी की वजह बन सकती है।
वर्किंग महिलाओं के लिए परेशानी भी ज्यादा
इन दिनों महिलाएं सिर्फ घर परिवार ही नहीं ऑफिस और बिज़नेस भी संभालती हैं। बढ़ी हुई ज़िम्मेदारियों के साथ कई बार फैमिली प्लानिंग delay हो जाती है। ऐसे में 30 की उम्र के बाद मां बनने वाली महिलाओं को ज़्यादा care की ज़रूरत होती है। क्योंकि 30 प्लस होने पर प्रेगनेंसी में तमाम मुश्किलें आती हैं। कंसीव करने में दिक्कत हो सकती है।
इनफर्टिलिटी रेट 15% से ज़्यादा
देश में पहले ही महिलाओं में इनफर्टिलिटी (Infertility) रेट 15% से ज़्यादा है। ऐसे में कंसीव ना कर पाने पर महिलाएं तनाव में भी आ जाती हैं। वो समझ ही नहीं पाती कि आखिर मां क्यों नहीं बन पा रही हैं। इसकी वजह सिर्फ ये ही नहीं है कि उनमें कोई कमी है, बल्कि मां ना बन पाने की वजह कोई बीमारी या आपका खराब लाइफस्टाइल भी हो सकता है। लेकिन ये सारी परेशानियां सही guidance और योग के ज़रिए दूर हो सकती हैं। इतना ही नहीं रेगुलर योग करने से प्रेगनेंसी भी आसान होती है और बच्चा भी हेल्दी होता है। आज हम इनफर्टिलिटी दूर करने के साथ जो महिलाएं प्रेगनेंट हैं। वो कैसे अपना ख्याल रखें? क्या करें क्या ना करें? क्या खाएं? क्या खाने से बचें? इन सभी सवालों के जवाब स्वामी रामदेव (Swami Ramdev Tips for pregnant women) के पास हैं।
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गर्भवती महिलाओं को चाहिए पोषण और प्यार
प्रेगनेंसी के नौ महीने किसी भी महिला के लिए आसान नहीं होते हैं। इस दौरान कई तरह के बदलावों और स्वास्थ्य समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है। ऐसी हालत में महिलाओं को देखभाल की सख्त जरूरत रहती है। उन्हें अच्छी सेहत और पोषण से भरपूर खाना खाने की आवश्यकता होती है। इसलिए उनके आसपास वालों को चाहिए कि वह उनका अच्छे से ख्याल रखें। इस दौरान महिलाओं को मदद और मोहब्बत की बहुत जरूरत रहती है। उन्हें हमेशा इस बात का एहसास दिलाएं कि वे सुरक्षित हैं और चिंता व अवसाद जैसी समस्याओं से दूर रखने की कोशिश करें।
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प्रेगनेंसी में दिक्कतें
- चक्कर
- पेटदर्द
- बीपी इम्बैलेंस
- सांस की दिक्कत
- हाथ-पैरों में सूजन
- एसिटिडी
- मूड स्विंग्स
प्रेगनेंसी में बीमारी का डर
- थायराइड
- शुगर
- PCOD
- लिवर प्रॉब्लम
- एनीमिया
- हार्मोनल चेंजेज़
इनफर्टिलिटी रेट भारत में
- महिलाओं में 15% से ज़्यादा
- लगभग 3 करोड़ कपल परेशान
- पुरुषों में 23% के करीब
- खराब लाइफस्टाइल से इनफर्टिलिटी
- कोई बीमारी भी हो सकती है वजह
प्रेगनेंसी कैसे बनेगी आसान
- रेगुलर
- योग करें
- खाने-पीने पर ध्यान दें
- लाइफस्टाइल सुधारें
प्रेगनेंसी में क्या खाएं?
- डेयरी प्रोडक्ट्स
- हरी पत्तेदार सब्जियां
- ड्राई फ्रूट्स
- अखरोट
- ओट्स
प्रेगनेंसी में रखें ध्यान
- ज़्यादा खाने से बचें
- पूरी नींद लें
- वर्कलोड ना लें
- फास्टफूड ना खाएं
- भारी वज़न ना उठाएं
- कैफीन के सेवन से बचें
- धूम्रपान-एल्कोहल से बचें
प्रेगनेंसी में क्या करें
- आयरन से भरपूर खाना खाएं
- रेगुलर वर्कआउट करें
- पॉज़िटिव थिंकिंग रखें
- हेल्दी टाइमटेबल बनाएं
- रेगुलर चेकअप कराएं
प्रेगनेंसी में रहें अलर्ट
- ब्लीडिंग होने पर
- पेटदर्द होने पर
- हाथ-पैर में ज़्यादा सूजन आने पर
- लगातार सिरदर्द होने पर
- स्किन में खुजली रैशेज़ हों तो
- 1 दिन से ज़्यादा बुखार रहे तो
- मसूड़ों से खून आने पर
प्रेगनेंसी में प्राणायाम, नींद आएगी शानदार
- अनुलोम विलोम
- शीतली
- शीतकारी
- योग निद्रा
इनफर्टिलिटी कैसे दूर करें
- सुबह जल्दी उठें
- योग-वर्कआउट करें
- बादाम, खजूर, अंजीर खाएं
- अनार का रस पीएं
- तला भुना खाने से बचें
- तनाव दूर करें
- वज़न ना बढ़ने दें
आयुर्वेदिक दवाएं
- वॉमिटिंग- सौंफ, जीरा, धनिया का पानी
- हाई बीपी- ब्राह्मी, शंखपुष्पी, जटामासी, तीनों 2-2 ग्राम मिलाकर पानी से लें
- लो बीपी - अश्वगंधारिष्ट, 2 चम्मच रोजाना
- यूटीआई, जलन, ब्लीडिंग- 5 से 7 इलायची, आधा छोटा चम्मच सौंठ का रस, काला नमक, अनार के जूस में मिलाकर पीएं
- एनिमिया के लिए - अनार, गाजर, चुकंदर, अंजीर
- PCOD के लिए क्या करें- जंक फूड ना खाएं, एलोवेरा जूस पीएं, वजन कंट्रोल करें, चाय-कॉफी कम लें