अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर यानी ADHD डिसऑर्डर से सबसे ज्यादा बच्चे शिकार होते हैं। यह आमतौर पर पहले बचपन में शुरू होता है जो अक्सर वयस्कता में रहता है। एडीएचडी वाले बच्चों को ध्यान देने में परेशानी हो सकती है। वह अपने व्यवहार पर कंट्रोल कर सकते हैं यानि वह बिना कुछ सोचे समझे कोई भी काम करने लगते है। कुछ ज्यादा ही एक्टिव हो जाते हैं।
इस डिसऑर्डर से पीड़ित बच्चों को एक समय पर या किसी अन्य चीज पर ध्यान केंद्रित करने या व्यवहार करने में परेशानी होना सामान्य होता है। स्वामी रामदेव के अनुसार इस डिसऑर्डर से योग के द्वारा आसानी से निजात पाया जा सकता है।
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एडीएचडी से परेशान व्यक्ति कीबौद्धिक क्षमता को भी नहीं आंका जा सकता है, क्योकि इसके कई लक्षण हो सकते हैं। इसलिए रोजाना बच्चों को प्राणायाम और योगासन कराएं।
बच्चों को योगासन कराने के लिए धीमे के साथ थोड़ी तेजी से कराएं। इससे उनके शरीर में तेजी से ब्लड सर्कुलेशन होगा जो उनके लिए फायदेमंद होगा। इसके साथ ही वह थोड़ा शांत हो जाएंगे।
सूर्य नमस्कार 5-10 मिनट कराएं। इससे बच्चों की एनर्जी अच्छी होगी। इससे हाइपर बच्चें शांत हो जाते है।
भस्त्रिका-
कपालभाति-
अनुलोम-विलोम-
इन योगासन के अलावा भ्रामरी पाउडर, अश्वगंधा कैप्सूल और मेधावटी साथ में लें।
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