कचनार के पेड़ के बारे में तो आपने सुना होगा। इसके खूबसूरत फूलों के साथ-साथ अद्भुत छाल भी काफी लाभकारी है। इसके रेशों से रस्सी भी बनाई जाती हैं। वहीं इसके पत्तों को साग के तौर पर खाया जाता है। स्वामी रामदेव के अनुसार कचनार एक औषधि है। जिसे कई खतरनाक बीमारियों में इलाज के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
कचनार के फूल और पत्तियों के साथ-साथ छाल भी जोड़ों के दर्द, वात और शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाली गांठ को गलाने का दम रखती है।
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पेट में गैस होने पर कचनार की छाल का काढ़ा बनाकर, इसके 20 मिलीलीटर काढ़ा में आधा चम्मच पिसी हुई अजवायन मिलाकर प्रयोग करने से लाभ मिलता है। सुबह-शाम भोजन करने बाद इसका सेवन करने से पेट फूलना व गैस की तकलीफ दूर होती है।
कचनार की छाल के फायदे
- शरीर के किसी भी हिस्से की गांठ को गला देता है।
- दाद-खाज और खुजली से दिलाए निजात
- फोड़े-फुंसी को करे खत्म।
- कचनार वृक्ष की छाल और अनार के फूल का काढ़ा बना लें। इससे कुल्ला करने से मुंह के छाले की बीमारी में लाभ होता है।
- खून की गंदगी को करे खत्म।
- शरीर को डिट्राक्स करे।
- एसिडिटी से दिलाए निजात।
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कचनार का पौधा भी कई बीमारियों से निजात दिलाता है। इसका सेवन करने से सूजन, मुंह में छाले होना, बवासीर, एसिडिटी, खांसी और दमा, दांतों का दर्द, दांतों के रोग, जीभ व त्वचा का सुन्न होना, कब्ज, पेट का कैंसर, दस्त का बार-बार आना और थायराइड आदि से निजात मिलती है।