Monday, December 23, 2024
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कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट से बचाव करेगी स्ट्रॉग इम्युनिटी, स्वामी रामदेव से जानें योग और आयुर्वेदिक उपचार

कोरोनावायरस का डेल्टा प्लस वैरिएंट काफी खतरनाक हो सकता है। इससे बचने के लिए इम्युनिटी को स्ट्रॉग बनाना बहुत जरूरी है।

Written by: India TV Health Desk
Published : June 23, 2021 10:05 IST
swami ramdev
Image Source : INDIA TV स्वामी रामदेव 

कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश के कोने-कोने में भारी तबाही मचाई थी। इसकी सबसे बड़ी वजह थी कोरोना का डेल्टा वेरिएंट। कोरोना का डेल्टा वेरिएंट बाकी सभी वेरिएंट के मुकाबले काफी खतरनाक साबित हुआ, जिसकी वजह से देश को ऐसी भयानक स्थिति देखने को मिली। इसी बीच अब देश के कई राज्यों में डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले भी सामने आ रहे हैं। कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट, डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि ये वैक्सीन और मजबूत इम्युनिटी पर भी भारी पड़ रहा है। स्वामी रामदेव के अनसुरा अगर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी हो तो कोरोना के इस नए वेरिएंट से बचाव किया जा सकता है। इसके लिए योग और आयुर्वेदिक उपचार एक बेहतर विकल्प है। 

पैर पसार रहा डेल्टा प्लस वेरिएंट

  1. देश में अबतक डेल्टा प्लस के 24 केस 
  2. इम्यून सिस्टम को भी धोखा देता है डेल्टा प्लस 
  3. डेल्ट प्लस पर वैक्सीन का असर कम 
  4. भारत में तीसरी लहर की वजह बन सकता है
  5. डेल्टा वेरियेंट म्यूटेशन कर डेल्टा प्लस में बदला 

                                                                 इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए रोजाना करें ये योगासन

सूर्य नमस्कार

  1. एनर्जी लेवल बढ़ाने में मददगार 
  2. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
  3. पाचन तंत्र बेहतर रहता है 
  4. शरीर में लचीलापन आता है
  5. स्मरण शक्ति मजबूत होती है
  6. वजन बढ़ाने के लिए कारगर 
  7. शरीर को डिटॉक्स करता है
  8. त्वचा में निखार आता है
  9. तनाव की समस्या दूर होती है
  10. शीर्षासन के फायदे
  11. तनाव और चिंता दूर होती है

शीर्षासन

  1. रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
  2. कार्यक्षमता को बढ़ाकर एनेर्जेटिक बनाता है
  3. दिमाग में ब्लड सर्कुलेट करता है
  4. पिट्यूटरी और पीनियल ग्रंथियों का स्राव नियमित करता है
  5. स्मरण शक्ति, एकाग्रता, उत्साह, स्फूर्ति, निडरता, आत्मविश्वास और धैर्य बढ़ाता है 

मंडूकासन

  1. डायबिटीज को दूर करता है 
  2. पेट और हृदय के लिए भी लाभकारी
  3. कंस्ट्रेशन बढ़ता है
  4. पाचन तंत्र सही होता है 
  5. लिवर, किडनी को स्वस्थ रखता है

सर्वांगासन

  1. दिल तक शुद्ध रक्त पहुंचता है
  2. एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है
  3. याद की हुई चीजें भूलते नहीं
  4. ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बेहतर
  5. आंखों पर चश्मा नहीं चढ़ेगा
  6. थायराइड  ग्लैंड एक्टिव होता है
  7. हाथ-कंधे मजबूत बनते हैं
  8. ब्रेन को पर्याप्त ब्लड मिलता है
  9. हार्ट मसल्स एक्टिव होता है

योगमुद्रासन 

  1. कब्ज की समस्या दूर होती है
  2. गैस से छुटकारा मिलता है
  3. पाचन की परेशानी दूर होती है
  4. बवासीर में भी लाभ होता है
  5. छोटी-बड़ी आंते सक्रिय होती हैं
  6. पेट की चर्बी कम होता है
  7. मोटापे से छुटकारा मिलता है
  8. रीढ़ की हड्डी लचीली-मजबूत बनती है
  9. एकाग्रता और आत्मविश्वास बढ़ता है

भुजंगासन 

  1. दिल के मरीजों के लिए फायदेमंद है।
  2. मजबूत लंग्स से सर्दी की बीमारी नहीं होती है।
  3. पेट से जुड़े रोगों में कारगर है।
  4. मोटापा कम करने में मदद करता है।
  5. फेफड़े, कंधे और सीने को स्ट्रेच करता है। 
  6. रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
  7. आसन से लंग्स मजबूत होते हैं। 

पादहस्तासन 

  1. अस्थमा की बीमारी में बहुत कारगर
  2. फेफड़ों को स्वस्थ बनाता है
  3. सांस संबंधी दिक्कत दूर होती है
  4. हृदय संबंधी बीमारियां दूर होती हैं 
  5. पेट की चर्बी कम होती है
  6. पाचन संबंधी समस्या दूर होती है
  7. सिर मे रक्त संचार बढ़ता है
  8. सिर दर्द, अनिद्रा से छुटकारा
  9. पीठ और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है

योगासन के साथ जरूर करें ये प्रणायाम 

कपालभाति

  • कपालभाति को करने के लिए सबसे पहले सुखासन में बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें।
  • अब दोनों नथुना से गहरी सांस भीतर की ओर लें। 
  • अब सांस को बाहर की तरफ छोड़ दें। 
  • इस बात का ध्यान रहे कि सांस को बल पूर्वक बाहर निकालना है और आराम से भीतर लेना है। इस तरह से कम से कम 20 बार ऐसा करें। 

अनुलोम विलोम

  • सबसे पहले आराम से बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। ध्यान रहे कि इस मुद्रा में आपकी रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी होनी चाहिए।
  • अब बाएं हाथ की हथेली को ज्ञान की मुद्रा में बाएं घुटने पर रखें। 
  • इसके बाद दाएं हाथ की अनामिका यानि कि हाथ की सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नथुना पर रखें। अब अंगूठे को दाएं वाले नथुना पर लगा लें। इसके बाद तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। 
  • अब बाएं नथुना से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। फौरन ही दाएं नथुना से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। अब दाएं नथुना से सांस भरें और अंगूठे से उसे बंद कर दें। इस सांस को बाएं नथुना से बाहर निकाल दें। अनुलोम विलोम का यह पूरा एक राउंड हुआ। इसी तरह के कम से कम 5 बार ऐसा करें। 

भस्त्रिका

  1. इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में सांस ले और 5 सेकंड में सांस छोड़े। 
  2. दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें। 
  3. तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े। इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें।

                                                              इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए औषधियां

  1. गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा की 1-1 गोली खाने के बाद लें। 
  2. खाली पेट श्वसारि वटी एक से दो गोली सुबह-शाम लें। 
  3. अनार, सेब, मौसमी, अनानास, आंवला
  4. एक महीने तक मुनक्का और अंजीर खाएं
  5. रोज दूध में ह्लदी,शिलाजीत,च्यवनप्राश लें
  6. श्वासारि क्वाथ,अश्वशिला,च्यवनप्राश, शहद, एलोवेरा जूस, गिलोय जूस का सेवन करे।

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