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स्वामी रामदेव से जानें बीपी-हार्ट, स्लिप डिस्क के मरीजों के लिए सही योगासन और इन्हें करने का तरीका

योग करने से बीपी-हार्ट, स्लिप डिस्क जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे से अपना बचाव करने में मदद मिलती है। लेकिन, इसके लिए योगअभ्यास को सही तरीके से करना बहुत जरूरी है।

Written by: India TV Health Desk
Published on: June 20, 2021 11:17 IST
swami ramdev - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV स्वामी रामदेव 

21 जून को पूरे विश्व में विश्व योगा दिवस मनाया जाएगा। योग के द्वारा आपका शरीर तो हेल्दी रहता ही है। इसके साथ-साथ आपके व्यक्तित्व का भी संतुलन करता है। बहुत से लोग रोजाना योगअभ्यास करते हैं। लेकिन, इससे उन्हें फायदा नहीं हो पाता। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण होता है योग करते समय बॉडी पॉश्चर और गति का ध्यान न रखना। अगर आप अलग-अलग योगासन से होने वाले फायदे की जानकारी रखेंगे और सही तरह से इसका अभ्यान करेंगे तो इससे आपको लाभ मिलेगा। योग गुरु स्वामी रामदेव से जानिए बीपी-हार्ट, स्लिप डिस्क जैसी तमाम  बीमारियों के लिए योगासन और इन्हें करने का तरीका। साथ ही ये भी जानिए कि ऐसे कौन से योगासन हैं जिन्हें गंभीर बीमारियों में करने से बचना चाहिए।

सेहतमंद रहने के लिए रुटीन में शामिल करें ये योगासन 

शशकासन

  1. डायबिटीज करे कंट्रोल
  2. तनाव और चिंता दूर होती है
  3. मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है
  4. माइग्रेन के रोग में फायदेमंद
  5. मोटापा कम करने में मददगार
  6. लिवर, किडनी के रोग दूर होते हैं
  7. दिल के मरीजों के लिए लाभकारी
  8. लंबाई बढ़ाने में मददगार

वक्रसान 

  1. एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है
  2. याद की हुई चीजें भूलते नहीं
  3. ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बेहतर
  4. आंखों पर चश्मा नहीं चढ़ेगा
  5. थायराइड  ग्लैंड एक्टिव होता है
  6. हाथ-कंधे मजबूत बनते हैं
  7. ब्रेन को पर्याप्त ब्लड मिलता है
  8. हार्ट मसल्स एक्टिव होता है
  9. कब्ज ठीक होता है
  10. पाचन क्रिया ठीक रहती है
  11. शुगर ठीक होता है
  12. पेट की कई बीमारियों में राहत

सूक्ष्म व्यायाम

  1. डायबिटीज दूर करने में कारगर है
  2. शरीर से फैट कम करके लचीला बनाता है
  3. सीने और हाथ की मांसपेशियों के लिए फायदेमंद
  4. जांघ की मांसपेशियों को फायदा पहुंचाता है 

पादहस्तासन 

  1. पाचन संबंधी समस्या दूर होती है
  2. डिप्रेशन को दूर रखता है
  3. सांस संबंधी समस्या दूर होती है
  4. फेफड़ो को स्वस्थ बनाता है 
  5. सिर में रक्त संचार बढ़ाता है

वृक्षासन 

  1. रीढ़ की हड्डी मजबूत बनती है
  2. नजर और फोकस अच्छा होता है
  3. पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं
  4. शरीर को लचीला बनाने में कारगर 
  5. इम्युनिटी स्ट्रॉग करता है

 

                                         बीपी- स्लिप डिस्क के मरीज न करें ये योगासन 

दिल के मरीज न करें ये योगासन 

  1. चक्रसान 
  2. हलासन 
  3. सर्वांगासन
  4. शीर्षासन 

हाई बीपी वाले न करें ये योगासन 

  1. दंड बैठक 
  2. सर्वांगासन 
  3. क्षमता के हिसाब से करें योगासन 

स्लिप डिस्क के मरीज न करें ये योगासन 

  1. आगे झुकने वाले आसन न करें
  2. पादहस्तासन 
  3. त्रिकोणासन 
  4. उत्तानपादासन

सर्वाइकल के मरीज न करें

  1. गर्दन को आगे न झुकाएं 
  2. आसन में झटके से वापस न आएं
  3. चक्कर आने पर रुक जाएं 

                                                       योगासन और इन्हें करने का सही तरीका 

ताड़ासन 

इस आसन के लिए सीधे खड़े हो जाएं। कमर भी बिल्कुल सीधा रखें। इसके बाद दोनों हाथों की अंगुलियों को आप में फंसा लें। अब हथेलियों को अपने सिर के ऊपर ले जाएं। इसके बाद  धीरे-धीरे सांस लेते हुए पंजों के बल खड़े होते हुए शरीर को ऊपर की ओर खीचें। इस अवस्था में थोड़ी देर रहने के बाद दोबारा पुरानी अवस्था में आ जाएं। इस आसन को कम के कम 7-8 बार करें। इस योगासन को करने से पूरी बॉडी की स्ट्रेचिंग हो जाती है।

पादहस्तासन

इस आसन गोरिल्ला पोज के नाम से भी जानाता है। इसके लिए योग मौट में बिल्कुल सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद धीरे-धीरे झुके और अपने हाथों से पैरों सो छुएं। घुटनों को बिल्कुल सीधा करें। इसके साथ ही अपने सिर को घुटनों से टच करें। इसके साथ ही कूल्हों को सीधे रखें। इस अवस्था में कुछ देर रहें। इस आसन को करने से दिल से जुड़ी बीमारी, पेट की चर्बी, लंबाई बढ़ाने, दिमाग में रक्त का संचार में फायदेमंद।

मंडूकासन

 इस आसन के लिए व्रजासन या पद्मासन में बैठ जाएं। इसके बाद गहरी सांस लें और अपने दोनों हाथ के उंगलियों को मोड़कर मुट्ठी बनाएं। अब दोनों हाथ की मुट्ठी को नाभि के दोनों तरफ रखें और सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकेंगे। इस आसन में थोड़ी देर रहने के बाद फिर आराम से  सांस छोड़ते हुए सीधे हो जाए।  इस आसन को 5-6 बार करें। इस आसन को करने से  मधुमेह वालों के लिए फायदेमंद। पैंक्रियाज में इंसुलिन रिलीज करने के साथ ही इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करें।

शलभासन

इस आसन को करने से पूरा शरीर फिट रहता है। इस आसन को करने के लिए  सहसे पहले पेट के बल योग मैट में लेट जाएं। इसके बाद दोनों पैरों के पंजों को जोड़ लें। और अपने दोनों हाथों को अपने जांघ के नीचे रख लें। इसके बाद धीमे-धीमे सांस भरते हुए पैरों को ऊपर उठाएं। इस स्थिति में कुछ देर रहने के बाद पुरानी स्थिति में आ जाएं। इस आसन को कम सम कम 5 मिनट करें। 

उत्तानपादासन

यह आसन बिल्कुल शलभासन के तरह होता है। बस इसमें पेट के बेल नहीं बल्कि पीठ के बल लेटकर किया जाता है। इस आसन को करने से छाती और मांसपेशियों में खिंचाव, पीठ के दर्द से निजात के साथ ही रीढ़ की हड्डी से सबंधी हर समस्या से निजात मिलता है। इसके साथ ही डायबिटीज कंट्रोल होने के साथ गर्दन और मांसपेशियों में खिंचाव होता है।

                                         योग के साथ-साथ प्राणायाम करने से शरीर को दोगुना फायदा मिलता है 

कपालभाति

इस प्राणायाम को 5 से 10  मिनट करें। हर 5 मिनट के बाद 1 मिनट आराम करें। सामान्य व्यक्ति 3 बार 5-5 मिनट करें

अनुलोम-विलोम
इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं। 

भस्त्रिका
इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेंकड में सांस ले और 5 सेंकड में सांस छोड़े।  इस प्राणायाम को लगातार 5  मिनट करें। 

भ्रामरी प्राणायाम
इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है।  इस आसन को करने से तनाव से मुक्ति के साथ मन शांत रहेगा। ​​

सूर्य नमस्कार
रोजाना सुबह के समय सूर्य के सामने इसे करने से शरीर को विटामिन डी भरपूर मात्रा में मिलता है जिससे शरीर को मजबूती मिलने के साथ ही स्वस्थ रखने में भी मदद मिलती है। 

 

 

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