बरसात का मौसम आते ही कई बीमारियां दस्तक देने लगती हैं। इन बीमारियों में सबसे ज्यादा जिस बीमारी के फैलने का खतरा रहता है वो है डेंगू और चिकनगुनिया। ये बीमारियां जानलेवा भी हो सकती हैं। स्वामी रामवेद ने इन दोनों बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए कुछ घरेलू नुस्खे बताए हैं। इन घरेलू नुस्खों को अपनाकर आप जल्दी ठीक हो जाएंगे।
चिकनगुनिया और डेंगू में कारगर ये जूस
- एलोवेरा
- आंवला
- गिलोय
- व्हीट ग्रास
- पपीते के पत्ते का रस
ऐसे बढा़एं प्लेटलेट्स
- 10-20 एमएल पपीते के पत्तों का रस पीएं
- 150 एमएल व्हीट ग्रास का जूस पीएं
- गाजर और चुकंदर का जूस
- रोजाना 8-10 ग्लास पानी पीएं
- अनार हीमोग्लोबिन बढ़ाता है
- अनार प्लेटलेट्स बढ़ाने में मददगार
- रोज अनार का जूस पीने से होगा फायदा
जानें 6 जूस बनाने का तरीका
- चुकंदर, गाजर और एलोवेरा को मिलाएं। जूसर में डालकर जूस निकालें। इसे पीने से फायदा होगा।
- पपीते के पत्ते को लें और उन्हें कूट लें। एक बार में एक पपीते का पत्ता पर्याप्त है।
- गिलोय के पत्ते लें और उसे पीस लें। इसका रस रोजाना खाली पेट पीएं।
- एलोवेरा के पत्ते से उसका गूदा निकाल लें। उसे मिक्सी में डालकर पीस से। रोजाना खाली पेट पीने से फायदा होगा।
- व्हीट ग्राम का भी इसी तरह से जूस निकालकर रोजाना खाली पेट पीएं।
- अनार के दाने निकालें और उन्हें मिक्सी में डालकर पीस लें। इस जूस को रोजाना पीएं।
इसके अलावा करें ये प्राणायाम
कपालभाति
- रोजाना सुबह शाम कपालभाति करने से हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को दूर किया जा सकता है।
- मन को शांत रखता है।
- थायराइड की समस्या से निजात दिलाता है।
- सिगरेट की लत से छुड़ाने में मददगार है कपालभाति।
- जिन लोगों को सिगरेट पीने की लत हो जाती है तो उनके फेफड़े ब्लॉक हो जाते हैं। कपालभाति की मदद से फेफड़े की ब्लॉकेज को सही कर सकता है।
- कपालभाति से क्रॉनिक लिवर, क्रॉनिक किडनी और फैटी लिवर की समस्या दूर होती है।
- हैपेटाइटिस की समस्या को भी कपालभाति दूर करने में मददगार है।
अनुलोम विलोम
- तनाव को कम करता है।
- कफ से संबंधित समस्या को दूर करता है।
- मन को शांत करता है जिससे एकाग्रता बढ़ती है।
- दिल को स्वस्थ रखता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है।
भस्त्रिका
- इस प्राणायाम को रोजाना करने से हाइपरटेंशन, अस्थमा, हार्ट संबंधी बीमारी, टीवी, ट्यूमर, बीपी, लिवर सिरोसिस, साइनस, किसी भी तरह की एनर्जी और फेफड़ों के लिए अच्छा माना जाता है।
- भस्त्रिका करने से शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ जाता है। जिसके कारण कैंसर की कोशिकाएं मर जाती हैं।
उज्जायी
मन शांत रहता है, अस्थमा, टीबी, माइग्रेम, अनिद्रा आदि समस्याओं से दिलाएं निजात।
भ्रामरी
इस आसन को करने से तनाव से मुक्ति के साथ मन शांत रहेगा।
उद्गीथ
इस प्राणायाम को करने से पित्त रोग, धातु रोग, उच्च रक्तताप जैसे रोगो से निजात मिलता है।
शीतली
इस आसन को करने से मन शांत होगा, तनाव, हाइपरटेंशन के साथ-साथ एसिडिटी से निजात मिलेगा।
शीतकारी
इस आसन को करने से तनाव, हाइपरटेंशन से निजात मिलता है। इसके साथ ही अधिक मात्रा में ऑक्सीजन अंदर जाती है।
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