विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनियाभर में करीब 113 करोड़ लोग हाई बीपी के शिकार हैं। वहीं भारत की बात करें तो करीब 40 करोड़ लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं। यह बीमारी एक साइलेंट किलर मानी जाती हैं। हाइपरटेंशन के कारण लोग हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर, किडनी संबंधी समस्याओं के भी शिकार हो जाते हैं। कई लोगों को अधिक तनाव के कारण हाइपरटेंशन की समस्या हो जाती हैं। पुरुषों के मुकाबले महिलाएं हाई बीपी की ज्यादा शिकार होती हैं। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से योग के द्वारा हमेशा के लिए निजात पाई जा सकती है। स्वामी रामदेव से जानें हाई ब्लड प्रेशर होने का कारण, लक्षण और निदान।
हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण
- तेज सिरदर्द
- बात-बात में गुस्सा आना।
- थकान
- अधिक सुस्ती रहना
- गर्दन में दर्द
- अनियमित धड़कन
- सीने में दर्द
- अधिक चिड़चिड़ापन रहना।
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हाई ब्लड प्रेशर का कारण
- मोटापा
- तनाव
- कोलेस्ट्राल
- तीखी और तली चीजों का अधिक सेवन
- किडनी और लिवर का कमजोर होना
- जेनेटिक
- पित्त बढ़ने के कारण
- अनियमित खानपान
- अनियमित नींद
- अधिक अल्कोहाल का सेवन
- ज्यादा सिगरेट पीने के कारण
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हाई ब्लड प्रेशर के लिए प्राणायाम
भस्त्रिका- इस प्राणायाम को आराम से करें। इसके लिए सांस को 5 सेंकड में लें और 5 सेंकड में छोड़े। इससे आपको लाभ मिलेगा।
कपालभाति- इस बीमारी से ब्लड प्रेशर कंट्रोल होने के साथ क्रोनिक डिसीज के साथ कई अन्य बीमारी खत्म हो जाती है। इस प्राणायाम को भी धीरे-धीरे करें।
अनुमोल -विलोम- नाड़ियों की शुद्धि के लिए ये प्राणायाम महत्वपूर्ण है। इसे कम से कम 10 मिनट करें। वहीं असाध्य रोगों के लिए 15 मिनट करें।
भ्रामरी- इस आसन को 3 से 21 बार या 5-10 मिनट लगातार करें।
उद्गीथ - इस आसन में सांस को अंदर भरकर ऊं का उच्चारण करें। इसे 5 से 7 बार करें। इस आसन को करने से हाई बीपी कम हो जाती है इसके अलावा हार्ट अटैक का खतरा कम करता है।
शीतली- यह आसन रक्त को शुद्ध करता है, तनाव और चिंता से निजात, ब्लड प्रेशर को करें कंट्रोल। इसे 5 से 10 बार कर सकते हैं।
शीतकारी- यह आसन तनाव और चिंता को दूर करें, डिप्रेशन को भगाएं।
सूक्ष्म व्यायाम- प्राणायाम के साथ सूक्ष्म व्यायाम जरूर करें।
हाई बीपी से निजात पाने के लिए योगासन
स्थित कोणासन- इस आसन को 25-50 बार इस आसन को करें। इस आसन को करने से हाई बीपी के साथ हार्ट हेल्दी रहेगा। इसके साथ ही वजन कम होगा।
भुजंगासन- इस आसन को करने से हाई बीपी के साथ हार्ट हैल्दी रहेगा, पेट की चर्बी कम करेगी। शरीर भी सुंदर और सुडौल होगा। पैनल कोर भी ठीक होगी। इस आसन को 25-50 बार जरूर करें।
अर्द्ध हलासन- इस आसन को करने से जांघों, पेट का वसा कम होता है। ब्लड प्रेशर कम होता है।
मंडुकासन- कई लोगो को एसिडिटी के कारण बीपी की समस्या हो जाती हैं। इस आसन को करने से मधुमेह, कोलाइटिस आदि से मुक्ति मिलेगी।
द्विचक्रिकासन- इस आसन को करने से हाई बीपी के साथ-साथ वजन कम करने में मदद मिलती है।
शशकासन- इससे मन मस्तिष्क शांत होगा। लिवर और किडनी एक्टिव और हेल्दी रहती हैं। चिड़चिड़ापन दूर करें।
हाई बीपी के लिए औषधियां
सर्पगंधा, सर्प भ्रमारी, शंख पुष्टी फायदेमंद।
मुक्तावटी की 2 गोली सुबह खाएं।
अश्वगंधारिष्ट पिएं लेकिन डायबिटीज के मरीज न पिएं।
शीलाजीत शत और शीलाजीत कैप्सूल का सेवन करें।
20 ग्राम त्रिफला को रातभर भिगो दें। सुबह 2 चम्मच छानकर शहद के साथ पी लें।
हाई बीपी से निजात पाने के लिए घरेलू उपाय
- सुबह-सुबह लौकी का जूस पिएं। कड़वी लौकी का जूस पीने से बचें।
- कद्दू के बीज का सेवन शहद के साथ करें।
- 3 चम्मच सेब का सिरका पानी के साथ लें।
- 1 चम्मच मेथी और अजवाइन को रात को बिगो दें। इसे सुबह पानी और शहद के साथ पिएं
- आंवले को शहद के साथ लें।
- दूध में हल्दी और दालचीनी डालकर पिएं।
- सुबह पानी में शहद डालकर पिएं।
- रोज तरबूज खाएं लेकिन जूस पीने से बचें।
- लहसुन की 2 कली सुबह-सुबह खाएं।
- उलटे लेट जाएं और स्पाइनल कोड में आइस से मसाज करें। इससे एकदम से ब्लड प्रेशर कंट्रोल हो जाएगा।
- थोड़ी सी लौकी को काटकर तलवे में मल लें। इससे तुरंत बीपी नॉर्मल हो जाएगी।
हाई बीपी वाले मरीज बरतें ये सावधानियां
- सांस रोककर कोई योगासन नहीं करना चाहिए।
- कपालभाति, भस्त्रिका आदि आराम से करें।
- शीर्षासन, सार्वांगसन करने से बचें।
- तेजी से दौड़ना नहीं। धीरे-धीरे दौड़े।
- पीछे झुकने वाले योग जैसे चक्रासन, उष्ट्रासन करने से बचना चाहिए।
- कैफीन, तली हुई चीजें, ज्यादा नमक वाली चीजें न खाएं।
हाई बीपी के लिए एक्यूप्रेशर प्वाइंट
- अगर आपको हाई बीपी की समस्या या तनाव में रहते हैं तो दोनों हाथों के रिंग फिगर के ऊपर के हिस्से को दबाएं।
- पैरों की अनामिका के टो को दबाएं।
- हाथों के पीछे अंगूली हड्डियों को दबाएं।