जेनेटिक डिसीज एक बड़ी समस्या है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है। स्वामी रामदेव के अनुसार मानव का शरीर 37 ट्रिलयिन सेल्स से बना होता है। वहीं एक सेल्स में 3 बिलियन बेस पियर्स होते हैं और एक बेस पियर्स में 23 जोड़े के रूप में 46 क्रोमोजम्स होते हैं। इसी क्रोमोजोम्स में जीन के रूप में डीएनए बनता है। डीएनए के द्वारा होने वाली बीमारी को जेनेटिक कहते हैं। योग से जीन रेग्युलेशन को प्रभावित कर सकते हैं। साथ ही सकारात्मक और गुणात्मक परिवर्तन होता है।
जेनेटिक बीमारी कैंसर, हाइपरटेंशन, डिप्रेशन, मोटापा कैंसर, लंबाई में समस्या, थायराइड, लिवर की समस्या, डिप्रेशन आदि बीमारियां हो सकती हैं। आर्युवेद में इन जेनेटिक बीमारियों को 'बीजदोष' कहते हैं। इन बीमारियों को 11 योगासनों और कुछ औषधियां के द्वारा जड़ से खत्म किया जा सकता है। जिससे आपकी आने वाली पीढ़ियों को इस बीमारी का सामना न करना पड़े।
जेनेटिक बीमारियों के लिए योगासन
मंडूक आसन- इस आसन को करने से इम्यूनिटी मजबूत होती है। इसके साथ ही लिवर किडनी हैल्दी रहते हैं और पाचन तंत्र ठीक ढंग से काम करता है।
शशकासन- इस आसन को करने से दिल के रोगियों को फायदा मिलेगा। इसके अलावा फेफड़ो की हवा को साफ करता है। आंतों और लिवर को ठीक रखें। मन को शांति मिलती है। इस आसन को कम से कम आधा से 1 मिनट करें।
उष्ट्रासन- इस आसन को करने से हार्ट हैल्दी रखने के साथ-साथ आपका पूरा शरीर मजबूत रहता है।
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वक्रासन- इस योगासन को करने से डायबिटीज कंट्रोल रहती है। इसके अलावा तंत्रिका तंत्र को ठीक रखें। कमर दर्द, फेफड़ों से जुड़ी हर दिक्कत से निजात दिलाता है।
अर्ध मत्स्येंद्रासन- इस आसन को करने से थकान खत्म हो जाती है। इसके साथ ही शरीर से विषाक्त तत्व बाहर निकल जाते हैं। रीढ़ की हड्डी, लिवर, किडनी को रखें हैल्दी।
गौमुखासन- रीढ़ की हड्डी, बवासीर में उपयोग, सर्वाइकल में फायदेमंद, बाहों की मांसपेशियों को मजबूत, फेफड़ों की करें सफाई।
योग मुद्रासन -मानसिक शक्ति के साथ डायबिटीज से दिलाएं निजात।
उत्ताम कूर्मासन- दमा, टीबी, कमर की मांसपेशियों से, पेट की चर्बी, ब्लड शुगर को करें कंट्रोल।
मर्कटासन- इस आसन को करने से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर कंट्रोल होने के साथ-साथ आपको कई रोगों से दूर रखता है।
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पवनमुक्तासन- दुर्बलता खत्म होती है। पेट का भारीपन, कब्ज वायुवकार में फायदेमंद।
नौकासन- इस आसन को आधा से 1 मिनट करें। करते-करते ही आपको एसिडिटी, कब्ज में लाभ मिलेगा।
उत्तानपादासन- जिगर गुर्दो को रखें फिट, गर्दन की मांसपेशियो, हार्ट , बीपी को करें कंट्रोल।
प्राणायाम
स्वामी रामदेव के अनुसार योगासन करने के साथ-साथ हमें प्राणायाम जरूर करना चाहिए। इसमें सूर्य नमस्कार, कपालाभाति, भस्त्रिका, उज्जयी, भ्रामरी आदि शामिल कर सकते हैं।
जेनेटिक बीमारियों के लिए औषधियां
- महिलाएं शीलाजीत का सेवन करें।
- गिलोय
- पुरुष शतावर का सेवन करें।
- आंवला को किसी भी रूप में खाएं।
- घृत कुमारी
- अश्वगंधा
- च्यवनप्राश
- घी और दूध का सेवन करने से शरीर मजबूत और तंदुरस्त होता है।
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रिद्धि, वृद्धि, महामेदा, जीवक, ऋषभक, मेदा, काकोली, क्षीर का कोली