कहते हैं Ignorance is a bliss यानी कभी-कभी कई चीजों को नजर अंदाज कर देना अच्छा होता है, लेकिन जब बात सेहत की हो तो यही ignorance महंगी पड़ती है। अक्सर लोग काम की वजह से लंबे वक्त तक एक ही जगह बैठे रहते हैं। पानी कम पीते हैं घंटों यूरिन रोके रखते हैं फिजिकल एक्टिविटी के नाम पर रोज सौ कदम भी नहीं चलते और घूम फिर कर इसका असर उनके शरीर पर दिखता है। सबसे पहले डायजेशन बिगड़ता है। पेट पर फैट जमा होने लगता है और फिर इंस्टॉलमेंट में बीमारी घर आने लगती है।
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खराब लाइफ स्टाइल और गर्मी के कंबिनेशन से इंस्टॉलमेंट में छोटी नहीं बड़ी बीमारी मिलती है। किडनी और प्रोस्टेट की परेशानी को ही ले लीजिए। वक्त रहते ध्यान ना दिया जाए तो ये प्रोस्टेट कैंसर की सीरियस बीमारी भी बन सकती है। देश में प्रोस्टेट बड़ी परेशानी बन रहा है। ओल्ड एज में होने वाली इस प्रॉब्लम की शुरुआत अब 40 की उम्र में होने लगी है, लेकिन बावजूद इसके ज्यादातर लोग प्रोस्टेट की प्रॉब्लम क्या है इसके बारे में जानते तक नहीं।
हम सबको अपनी बॉडी के बारे में जानकारी रहनी चाहिए। असल में प्रोस्टेट ग्लैंड पुरुषों में पाया जाता है। कई वजहों से जब प्रोस्टेट ग्लैंड के भीतर के टिश्यूज बढ़ने लगते हैं, जो एनलार्ज होकर यूरिन के फ्लो को रोकते हैं, जिससे यूरिन ट्रैक्ट, ब्लैडर, किडनी में प्रॉब्लम हो जाती है। आप जानकर हैरान होंगे कि देश में प्रोस्टेट कैंसर के मामले हर साल तेजी से बढ़ रहे हैं। ये दुनिया का चौथा सबसे ज्यादा पाया जाने वाला ट्यूमर है।
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रेग्युलर वर्कआउट करते हैं, रोज योग करते हैं तो आपको प्रोस्टेट प्रॉब्लम के चांसेज बहुत कम हैं। लाइफ स्टाइल को बेहतर बनाकर आप तमाम बीमारियों से बच सकते हैं।
प्रोस्टेट क्या है?
पुरुषों में अखरोट के आकार का ग्लैंड होता है।
प्रोस्टेट ग्लैंड सेमिनल फ्लूड (Seminal Fluid) बनाता है।
ये ग्लैंड स्पर्म (Sperm) को पावरफुल बनाता है।
प्रोस्टेट बढ़ने पर क्या होता है?
यूरिन ब्लॉकेज की समस्या होती है।
यूरिनरी ट्रेक में दर्द होना।
यूरिन फ्लो पर असर पड़ना।
यूरिन पर कंट्रोल नहीं हो पाना।
बैक प्रेशर की वजह से किडनी प्रॉब्लम।
यूरिन क्लियर नहीं होने से ब्लैडर इंफेक्शन।
प्रोस्टेट रोगों में लापरवाही होने पर ये परेशानियां होती हैं:
प्रोस्टेट कैंसर
किडनी में इन्फेक्शन
प्रोस्टेट रोगों में योगाभ्यास:
अर्धमत्स्येन्द्रासन
वक्रासन
गोमुखासन
भुजंगासन
उत्तानपादासान
योगमुद्रासन
उत्थित पदमासन
चक्की आसन
पश्चिमोत्तानासन
स्थितकोणासान
मंडूकासन के फायदे: पेट और हार्ट के लिए लाभकारी है। डायबिटीज को दूर भगाता है। पाचन तंत्र सही करने में सहायक है। पैनक्रियाज से इंसुलिन रिलीज करता है। लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है।
योग मुद्रासन के लाभ: प्रोस्टेट रोग दूर करता है। किडनी को स्वस्थ रखता है। छोटी-बड़ी आंते सक्रिय होती हैं। पेट से जुड़े रोगों से मुक्ति मिलती है। पेट की चर्बी खत्म होती है। मोटापा कम करने में मददगार है। रीढ़ की हड्डी लचीली होती है। पाचन तंत्र बेहतर होता है।
वक्रासन के फायदे: कब्ज को रोकने का रामबाण इलाज है। डायबिटीज को रोकने में सहायक है। पेट की कई समस्याओं में राहत मिलती है।
उत्तानपादासन के लाभ: पेट से जुड़ी बीमारियां ठीक होती हैं। कब्ज को दूर करता है। डायबिटीज कंट्रोल होती है। ये आसन तनाव कम करने में मददगार है।
प्रोस्टेट रोगों में प्राणायाम:
- कपालभाति
- अनुलोम विलोम
- भस्त्रिका
- उद्गीत
- भ्रामरी
- उज्जायी
प्रोस्टेट में औषधि:
- चंद्रप्रभावटी, गौक्षुरादि, गुग्गुलू, पुनर्नवादि मंडूर की 2-2 गोली लें।
- सुबह और शाम दोनों बार लें।
- विषतिन्दुक वटी की 1-1 गोली सुबह-शाम लें।
- कांचनार और गुग्गुलू की गोली- दो-दो गोली सुबह-शाम लें।
- पंच तृणमूल क्वाथ का सेवन करें।
- वृक्कदोषहर क्वाथ का सेवन करें।
आयुर्वेदिक औषधि:
वरुण, पुनर्नवा, मकोय, कांचनार और अर्क गोमूत्र के साथ लेने से फायदा मिलता है।
प्रोस्टेट कैंसर में कारगर:
- गिलोय
- तुलसी
- नीम
- व्हीट ग्रास
गोखरु का काढ़ा:
- 10 ग्राम गोखरु, 10 ग्राम कांचनार की छाल 2 ग्लास पानी में उबाल लें।
- आधा ग्लास पानी रहने पर छान लें।
- काढ़ा ठंडा होने पर सुबह-शाम पिएं।
घरेलू उपाय:
- लौकी का जूस, 7 पत्ते तुलसी और 5 काली मिर्च को मिलाकर पिएं।
- ध्यान रखें कि लौकी कड़वी ना हो।
प्रोस्टेट में खान-पान:
- हफ्ते में एक बार कुलथ की दाल खाएं।
- महीने में एक बार गोखरू का काढ़ा पिएं।
- हर दिन 3-4 लीटर लिक्विड फूड या पानी लें।
- छोटे इंटरवल पर थोड़ा-थोड़ा भोजन करें।
- खाने में ज्यादा वेजिटेबल और प्रोटीन लें।
- मकई के रेशे को पानी में पका कर पिएं।
- हफ्ते में एक बार जौ का दलिया जरूर लें।
पत्थरचट्टा का पौधा:
- पत्थरचट्टा के 10 पत्तों को खाएं।
- रोज सुबह खाली पेट खाएं।
- पत्थरचट्टा किडनी के रोगों में फायदेमंद है।
- प्रोस्टेट के रोगों में भी लाभदायक है।
प्रोस्टेट को हेल्दी रखने के लिए एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स
- स्वामी रामदेव ने बढ़े हुए प्रोस्टेट का नार्मल साइज में लाने के साथ उन्हें हमेशा हेल्दी रखने के लिए कुछ एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स बताए हैं। जिन्हें करने से आपको लाभ मिलेगा।
- हाथों की हथेली और पैरों के तलवों के बीचो-बीच के प्लाइंट को दबाएं।
- हाथ और पैर की सबसे छोटी अंगुली के ऊपर भाग में 5 मिनट के लिए दबाएं।
- दोनों हाथों की कलाई दोनों ओर हड्डियों को दबाएं। इससे लाभ मिलेगा।
अन्य आयुर्वेदिक उपचार
- दूध के साथ हल्दी और शिलाजीत का सेवन करने से प्रोस्टेट हेल्दी रहेगा।
- प्रोस्टेट कैंसर के लिए चंद्रप्रभा वटी और गौक्षुरादि गुग्गुल की 2-2 गोली सुबह और शाम को सेवन करें।
- विषतिंदुक वटी की एक-एक गोली सुबह और शाम सेवन करें।
- सप्ताह में एक बार जौ की दलिया का सेवन जरूर करें।
- गौधन अर्क का सेवन करें।
- कंचनार गुग्गुल भी प्रोस्टेट को हेल्दी रखने में कारगर।
- पंच तृणमूल क्वाथ का सेवन करने से भी मिलेगा लाभ।
- हर दिन 3-4 लीटर लिक्लिड लें।
- गोखुरू का काढ़ा माह में एक बार जरूर पिएं।
- वृक्कदोषहर पात को उबालकर पी लें। इससे भी प्रोस्टेट कैंसर और बढ़े हुए प्रोस्टेट में लाभ मिलेगा।