सबसे बड़ा तंत्र है हमारा प्रतिरक्षा तंत्र। इम्यूनिटी पूरी शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद करती है। इम्यूनिटी को बढ़ाने और कोरोना से जंग लड़ने में ये योग आपकी मदद करेंगे। ये योग कोरोना के खिलाफ यौगिक अस्त्र हैं। स्वामी रामदेव ने कहा कि अगर आप कोरोना से लड़ना चाहते हैं तो आपको अपनी इम्यूनिटी बढ़ानी होगी। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए स्वामी रामदेव ने कुछ योग और प्राणायाम बताए हैं जो इम्यूनिटी को बढा़ने में मददगार होंगे।
क्या है अष्टांग योग? कैसे नर्वस सिस्टम को हेल्दी रखता है प्राणायाम, जानें स्वामी रामदेव से इसके फायदे
सूर्य नमस्कार के फायदे
- एनर्जी लेवल बढ़ाने में मददगार
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
- पाचन तंत्र बेहतर रहता है
- शरीर में लचीलापन आता है
- स्मरण शक्ति मजबूत होती है
- वजन बढ़ाने के लिए कारगर
- शरीर को डिटॉक्स करता है
- त्वचा में निखार आता है
- तनाव की समस्या दूर होती है
- शीर्षासन के फायदे
- तनाव और चिंता दूर होती है
- आत्मविश्वास, धैर्य और निडरता बढ़ती है
सर्वांगासन के फायदे
- ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बढ़ाता है
- एजिंग को रोकने में सहायक
- शारीरिक संतुलन ठीक रहता है
मंडूकासन
- मंडूक का अर्थ है मेंढक अर्थात इस आसन को करते वक्त मेंढक के आकार जैसी स्थिति प्रतीत होती इसीलिए इसे मंडूकासन कहते हैं
- डायबिटीज , कोलाइटिस को कंट्रोल करे।
- इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।
- कब्ज और गैस की समस्या करे खत्म
- पाचन तंत्र को करे सही
- लिवर, किडनी को रखें स्वस्थ्य
- वजन घटाने में करें मदद।
वक्रासन के फायदे
- वक्रासन बैठ कर किए जाने वाले आसनों में एक महत्वपूर्ण आसन है। वक्रासन 'वक्र' शब्द से निकला है जिसका मतलब होता टेढ़ा। इस आसन में रीढ़ टेढ़ी या मुड़ी हुई होती है, इसीलिए इसका यह नाम वक्रासन रखा गया है।
- फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाए।
- किडनी, लवर को रखें हेल्दी।
- पेट की चर्बी को करें कम।
- ब्लड शुगर को करे कंट्रोल।
गोमुखासन
- इससे पैंक्रियाज एक्टिव होता है।
- लिवर और किडनी के लिए लाभकारी
- रीढ़ की हड्डी को करें मजबूत
- शरीर का पॉश्चर ठीक करें।
- डायबिटीज को कंट्रोल करने में करें मदद।
उत्तापादासन
- इस आसन को कम से कम 1 मिनट करें।
- डायबिटीज की समस्या से निजात मिलेगा।
- गैस, कब्ज, एसिडिटी से भी छुटकारा मिलेगा
- शरीर को सुदर और सुडौल बनाएं
- तनाव और डिप्रेशन को करे कम
अर्द्ध मत्येंद्रासन
- किडनी के लिए लाभकारी
- अस्थमा रोग से मुक्ति दिलाएं।
- तनाव और चिंता को करे कम।
- शरीर में लचीलापन बनाता है।
- फेफड़ों को ऑक्सीजन पहुंचाएं।
- हार्ट को हेल्दी और मजबूत बनाने में मदद करता है
- डायबिटीज को करें कंट्रोल
पवनमुक्तासन
- हार्ट को रखें हेल्दी
- ब्लड सर्कुलेशन को करे ठीक
- ब्लड शुगर को करे कंट्रोल
- पेट की चर्बी को करे कम
- आंखों की रोशनी को बढ़ाए।
नौकासन
- पाचन शक्ति को ठीक करने में करें मदद
- एसिडिटी, कब्ज से दिलाएं निजात
- पेट, कमर दर्द से दिलाएं निजात
- पाचन शक्ति को ठीक रखता ह
- किडनी की क्षमता को बढ़ाता है
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
भुजंगासन
- किडनी को स्वस्थ बनाए रखता है
- पाचन तंत्र दुरुस्त रखता है
- शरीर को सुंदर और सुडौल बनाता है
- रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है
- तनाव, चिंता और डिप्रेशन दूर करता है
इम्यूनिटी को मजबूत करेंगे ये प्राणायाम भी, करें रोजाना
अनुलोम विलोम
- सबसे पहले आराम से बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। ध्यान रहे कि इस मुद्रा में आपकी रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी होनी चाहिए।
- अब बाएं हाथ की हथेली को ज्ञान की मुद्रा में बाएं घुटने पर रखें।
- इसके बाद दाएं हाथ की अनामिका यानि कि हाथ की सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नथुना पर रखें। अब अंगूठे को दाएं वाले नथुना पर लगा लें। इसके बाद तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें।
- अब बाएं नथुना से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। फौरन ही दाएं नथुना से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें।
- अब दाएं नथुना से सांस भरें और अंगूठे से उसे बंद कर दें। इस सांस को बाएं नथुना से बाहर निकाल दें। अनुलोम विलोम का यह पूरा एक राउंड हुआ। इसी तरह के कम से कम 5 बार ऐसा करें।
भस्त्रिका
इस प्राणायाम को रोजाना करने से हाइपरटेंशन, अस्थमा, हार्ट संबंधी बीमारी, टीवी, ट्यूमर, बीपी, लिवर सिरोसिस, साइनस, किसी भी तरह की एनर्जी और फेफड़ों के लिए अच्छा माना जाता है।
भस्त्रिका करने से शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ जाता है। जिसके कारण कैंसर की कोशिकाएं मर जाती हैं।
कपालभाति
- रोजाना सुबह शाम कपालभाति करने से हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को दूर किया जा सकता है।
- मन को शांत रखता है।
- थायराइड की समस्या दूर से निजात दिलाता है।
- सिगरेट की लत से छुड़ाने में मददगार है कपालभाति।
- जिन लोगों को सिगरेट पीने की लत हो जाती है तो उनके फेफड़े ब्लॉक हो जाते हैं। कपालभाति की मदद से फेफड़े की ब्लॉकेज को सही कर सकता है।
- कपालभाति से क्रॉनिक लिवर, क्रॉनिक किडनी और फैटी लिवर की समस्या दूर होती है।
- हैपेटाइटिस की समस्या को भी कपालभाति दूर करने में मददगार है।
उद्गीथ प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं और शांत मन से 'ऊं' के उच्चारण करते हैं।
फायदे
इस प्राणायाम को करने से पित्त रोग, धातु रोग, उच्च रक्तताप जैसे रोगो से निजात मिलता है।।
भ्रामरी प्राणायाम
इस आसन को करने से तनाव से मुक्ति के साथ मन शांत रहेगा।